असम में अल्पसंख्यकों को जारी किए जाएंगे प्रमाणपत्र, ये है उद्देश्य

अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र सरकार द्वारा जारी किया जाएगा, ताकि मुसलमान, क्रिश्चियन, सिख, बौद्ध, जैन आदि सम्प्रदाय के लोगों की पहचान सही तरीके से हो सके।

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 मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा की अध्यक्षता में 29 मई को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित कैबिनेट की साप्ताहिक बैठक में कई अहम निर्णय लिये गये।

बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए असम सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण आदि विभागों के मंत्री और सरकार के प्रवक्ता केशव महंत ने कैबिनेट के निर्णयों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि अब अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र सरकार द्वारा जारी किया जाएगा, ताकि मुसलमान, क्रिश्चियन, सिख, बौद्ध, जैन आदि सम्प्रदाय के लोगों की पहचान सही तरीके से हो सके। इससे घुसपैठियों को पहचानना आसान हो जाएगा।

बैठक में चाय बागान को लेकर भी कई निर्णय लिये गये। चाय बागानों को पर्यावरण स्थल के रूप में विकसित करने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए चाय बागान इलाके की 5 प्रतिशत जमीन पर्यटन स्थल के लिए उपयोग किया जाएगा। चाय बागान की कंपनियां आदि मालिक पक्ष या सरकारी पक्ष के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को चाय बागान की जमीन लीज में नहीं दिया जा सकेगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चाय बागानों में होने वाले भूमि अधिग्रहण क्षतिपूर्ति के रूप में भूमि संबंधी मुआवजे का 10 फीसदी हिस्सा चाय श्रमिकों के पुनर्स्थापना हेतु दिया जाएगा।

सरकार डिमा हसाउ में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भी आर्थिक सहायता की घोषणा करेगी। इनके अलावा 1208 करोड़ रुपए की लागत से राज्य में 3007 तालाबों का निर्माण कराकर उसका नाम अमृत सरोवर दिया जाएगा।

बैठक में डॉक्टर वाणीकांत काकोति कंप्यूटर सहायता योजना के अंतर्गत राज्य के 1328 कंप्यूटर शिक्षकों को नियमित वेतन देने संबंधी निर्णय भी लिए गए। इनकी सेवा को सीलिंग फ्री कर दिया जाएगा। इनके अलावा भी कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

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