असम के सीएम का बड़ा बयान, “भारत हिंदुओं का है… !”

97

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हिंदुत्व के मुद्दे पर हमेशा मुखर रहते हैं। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि भारत हिदुओं का है और दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला हिंदू अगर वह सुरक्षित महसूस करता है तो यहां आकर रह सकता है।

सरमा से जब पूछा गया था कि क्या वे बांग्लादेश के हिंदुओं को असम में बसाने और भारत की नागरिकता दिलाने का समर्थन करेंगे? इस प्रश्न के जवाब में सरमा ने कहा कि भारत हमेशा से हिंदू से संबंध रखता है। इसलिए किसी भी हिंदू का यह अधिकार है कि संकट के दौर में और कहीं भी असुरक्षित महसूस करने ही स्थिति में वह भारत में आकर रहे।

7000 वर्ष से भारत का हिंदुओं से संबंध
सीएम सरमा ने कहा कि भारत और भारतीय शब्द 1947 में अस्तित्व में आया लेकिन यहां के लोग 7000 वर्ष से हिंदू के रुप में जाने जाते हैं। ये सनातन सभ्यता है। हमें इसमें विश्वास रखना चाहिए। जब देश में संविधान बना तो इसे भारत कहा गया। लेकिन हमें कोई भी हमारी जड़ों से काट नहीं कर सकता। कोई भी हिंदू अगर कहीं संकट में है तो उसे अपनी मातृभूमि में वापस लौटने का अधिकार है। वह यहां वापस आ सकता है और रह सकता है।

सीएए और एनआरसी का विरोध गलत
सरमा ने कहा कि अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ, वह एक सबक है। उसे देखने के बाद किसी को भी सीएए और एनआरसी का विरोध नहीं करना चाहिए। वहां से अल्पसंख्यकों को देश छोड़कर भागना पड़ा। इसे देखते हुए सीएए की प्रशंसा की जानी चाहिए।

ये भी पढ़ेंः तो गली-गली से निकालेंगे सावरकर साहित्य यात्रा… 94वें अखिल भारतीय मराठी सम्मेलन पर विरोध का साया

मदरसों को लेकर कही ये बात
असम में मदरसों को लेकर सीएम ने सरकार का पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा कि इस प्रदेश में कुछ लोग मदरसों में पढ़ाकर अपने बच्चों को मुल्ला बनाना चाहते हैं, लेकिन मैं उन्हें मेडिकल कॉलेज में पढ़ाकर डॉक्टर बनाना चाहता हूं। अब वे चाहें तो अपने बच्चों को मुल्ला बनाएं या डॉक्टर, ये उनकी मर्जी है। सीएम ने कहा कि अगर मैं किसी मुस्लिम एरिया में जाकर कहूं कि मैं उनके बच्चों को डॉक्टर बनाना चाहता हूं तो उन्हें खुश होना चाहिए न कि नाराज। उन्हें मदरसों को बंद कर देना चाहिए और स्कूल खोलना चाहिए। राजनेताओं में यह कहने की हिम्मत होनी चाहिए कि अगर एक हिंदू लड़की स्कॉलर या डॉक्टर बन सकती है तो आप अपनी बेटियों को इस तरह की शिक्षा से कैसै वंचित रख सकते हैं।

मदरसों को बंद कराना सबसे बड़ी चुनौती
बता दें कि असम में सरकारी मदरसों को दी जाने वाली हर तरह की फंडिंग पर रोक लगा दी गई है। सीएम कहते हैं,” मदरसों को बंद करने के लिए कहना और उन्हें बंद कराना उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन उन्हें मेरी बातों को समझना चाहिए। मैं उनके ही हित की बात कर रहा हूं।”

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.