पिक्चर अभी बाकी है, एनआईए के रडार पर अब ‘गॉडफादर!’

165

मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया-स्कॉर्पियो और मनसुख हिरेन मौत मामले में अब तक 112 एनकाउंटर की उपलब्धि प्राप्त कर चुके पूर्व सहायक पुलिस आयुक्त प्रदीप शर्मा भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रडार पर आ गए हैं। 7 अप्रैल को एजेंसी के अधिकारियों ने उनसे अपने कार्यालय में बुलाकर पूछताछ की।

बता दें कि इन मामलों में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के पूर्व सहायक निरीक्षक सचिन वाझे के साथ ही पूर्व कांस्टेबल विनायक शिंदे भी लगातार शर्मा के संपर्क में था। शिंदे को मनसुख हिरेन मौत मामले में गिरफ्तार किया गया है। वह शर्मा का काफी करीबी माना जाता है।

ये है मामला
बता दें कि एनआईए के अनुसार प्रदीप शर्मा ने मुंबई में अंधेरी के चकाला क्षेत्र में सचिन वाझे और विनायक शिंदे से मुलाकात की थी। यह मनसुख हिरेन की मौत से दो दिन पहले यानी 3 मार्च की घटना है। हालांकि इस बारे में एनआईए के पास पक्का प्रमाण नहीं है, लेकिन सीसीटीवी फूटेज में वाझे और शिंदे बांद्रा-वर्ली सी लिंक पर बैठे दिखाई दे रहे हैं। एजेंसी का मानना है कि ये दोनों चकाला में शर्मा से मिलने जा रहे थे। मनसुख को जिस फोन नंबर से कॉल कर बुलाया गया था, उसकी लोकेशन भी पास के जेबी नगर था। एजेंसी ने वाझे के साथ 3 अप्रैल को अंधेरी के कई क्षेत्रों में तलाशी ली थी।

ये भी पढ़ेंः राकेश्वर सिंह को ‘अभिनंदन’ की तरह मुक्त कराने के लिए प्रदर्शन!

एनआईए के सवाल
एआईए शर्मा से जानना चाहती है कि वे अंतिम बार वाझे से कम मिले, क्या नौकरी छोड़ने के बाद भी वे वाझे के संपर्क में थे, क्या वे चकाला की बैठक में शामिल थे, शामिल थे तो उनके बीच क्या बातें हुई थीं?

वाझे के गॉडफादर
बता दें कि आतंकवादी यूनुस ख्वाजा मामले में 2007 में वाझे को निलंबति किया गया था। उसके बाद उसने शिवसेना  में प्रवेश किया था। शर्मा को ही वाझे का गॉडफादर माना जाता है। वे 2019 में नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके हैं।

विनायक रहा है करीबी
विनायक शिंदे 10 वर्ष तक उसी एनकाउंटर टीम का हिस्सा था, जिसमें शर्मा भी थे। छोटा राजन के पंटर लखन भैया का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप शर्मा के साथ ही शिदे और पूरी टीम पर लगा था। इस मामले में आरोप था कि भवन निर्माता जनार्दन भांडे से पैसे लेकर लखन का एनकाउंटर किया गया। इस मामले में शर्मा को निलंबित भी किया गया था, लेकिन बाद में न्यायालय ने उन्हें आरोप मुक्त कर दिया था। इस मामले में विनायक को भी गिरफतार किया गया था। वह परोल पर बाहर आया था। इसी दौरान उसने  कथित रुप से मनसुख हिरेन को मौत के घाट उतार दिया।

112 एनकाउंटर कर कमाया नाम
प्रदीप शर्मा को 90 के दशक में मुंबई अपराध शाखा की टीम में नियुक्त किया गया था। इस टीम को अंडरवर्ल्ड को समाप्त करने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसके बाद उन्होंने एक-एक कर 112 एनकाउंटर कर मुंबई पुलिस के साथ ही राजनीति में भी काफी नाम कमाया था।

कौन हैं शर्मा?
उत्तर प्रदेश में पैदा हुए और महाराष्ट्र के धुले में आकर बस गए प्रदीप शर्मा ने 35 साल पुलिस की नौकरी की। इस दौरान उन्होंने 112 एनकाउंटर कर रिकॉर्ड बनाया। 100 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले वे पहले पुलिस अधिकारी हैं।

खास बातें
– मई 2020 में उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस की नौकरी छोड़ दी और एनजीओ चलाने लगे।

– प्रदीप शर्मा और उनके साथी की हिरासत में 2003 में आतंकवादी ख्वाजा यूनुस की मौत हो गई थी। इसके बाद उन्हें अमरावती भेज दिया गया था।

– 2008 में माफिया के साथ संबंध और फेक एनकाउंटर के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था। शर्मा ने कानूनी लड़ाई जीत ली थी और 2016 में पुलिस बल में फिर से उनकी एंट्री हो गई थी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.