जानिए, कांग्रेस के हिंदू विरोधी चेहरे को, कैसे हिंदुओं से करती है नफरत

कांग्रेस पार्टी को हिंदू धर्म के लोगों से नफरत है। अधिकार की बात हो या हिंदू धर्म की, हिंदू लोगों को अन्याय ही सहना पड़ा है।

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कांग्रेस पार्टी (Congress Party) और उसके नेताओं (Leaders) की हिंदू धर्म (Hinduism), हिंदू देवी-देवताओं में कोई आस्था नहीं है। ब्रिटिश राज के दौरान 28 दिसंबर, 1885 को कांग्रेस पार्टी की स्थापना हुई थी। 1947 में स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस भारत (India) में प्रमुख राजनीतिक दल बन गई। 2014 से कांग्रेस कई विवादों (Controversies) में घिरी हुई है।

वर्ष 2014 से भारत में बीजेपी की सरकार आई। बीजेपी की तरफ से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया गया। भाजपा ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है, जो पूरा होता नजर आ रहा है।

कांग्रेस पार्टी को हिंदू धर्म के लोगों से नफरत है। अधिकार की बात हो या हिंदू धर्म की, हिंदू लोगों को अन्याय ही सहना पड़ा है। आजादी से लेकर 2014 तक हिंदुओं पर किसी न किसी प्रकार से अत्याचार होता रहा। अब भाजपा सरकार में हिंदुओं को एक नई पहचान मिली है।

कैसे करती थी कांग्रेस हिंदुओं से नफरत
वर्ष 1950 में आर्टिकल 25 लाया गया, जिसमें धर्म परिवर्तन को मान्यता दी गई। इससे सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुओं को हुआ, क्योंकि हिंदू धर्म के लोगों का ही सबसे अधिक धर्म परिवर्तन कराया गया। इतना ही नहीं पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आर्टिकल 28 निकाला, जिससे हिन्दुओं की धार्मिक शिक्षा का अधिकार ही छीन लिया गया। हालांकि, आर्टिकल 30 के तहत अल्पसंख्यक धार्मिक शिक्षा ले सकते हैं।

वर्ष 1951 में हिन्दू धर्म दान अधिनियम के द्वारा कांग्रेस ने राज्यों को यह अधिकार दिया था कि वे बिना कोई कारण बताए किसी भी मंदिर को अपने नियंत्रण में ले सकते हैं। इस कानून के लागू होने के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने 34,000 से अधिक मंदिरों को अपने नियंत्रण में ले लिया था।

वर्ष 1956 हिंदू कोड बिल लेकर आया गया, जिसमें समान नागरिक संहिता की बात की गई थी। लेकिन, इसमें भी हिंदुओं को फंसाया गया और अल्पसंख्यकों पर कोई बिल लागू नहीं किया गया। आरक्षण के नाम पर भी हिंदुओं को बांटने की कोशिश की गई।

इंदिरा गांधी का कार्याकाल
वर्ष 1976 में इंदिरा ने देश में आपातकाल के दौरान प्रस्तावना में संशोधन किया, जिसमें ‘सेक्युलर’ शब्द शामिल किया गया था। जिसका मतलब था कि भारत हिन्दू देश होते हुए भी हिन्दू देश नहीं कहा जा सकता।

वर्ष 1991 में पूजा स्थल कानून
साल 1991 पूजा स्थल कानून बनया गया, इसका मतलब था हिंदू अपने मंदिरों को मुगलों के हाथ से छीड़ने की लड़ाई नहीं लड़ सकते।

वर्ष 1992 में अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, इस कानून ने अल्पसंख्यक लोगों को बढ़ावा दिया और हिंदुओं को बांट दिया गया।

वर्ष 1995 में कांग्रेस ने वक्फ बोर्ड एक्ट लागू किया, जिसका मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक लोगों को बढ़ावा देना था। वक्फ बोर्ड के पास भारतीय सेना और रेलवे के बाद सबसे बड़ी मात्र में जमीन है। यानी वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा जमींदार है।

रामसेतु एफिडेविट
2004 में कांग्रेस ने भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारते हुए इसे काल्पनिक बताया था और आखिरकार 2009 में कांग्रेस ने हिंदुओं को आतंकवादी घोषित कर दिया।

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