दादा को नहीं भाई ‘दादागिरी’, अपने ही कोटे के मंत्रालय से नाराज!

राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के घर पर एक बड़े समूह ने प्रदर्शन किया। जिन्हें शरद पवार की पुत्री सुप्रिया सुले ने शांत करने का प्रयत्न किया।

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उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुए हमले को रोकने में मुंबई पुलिस विफल रही है। अजीत पवार उर्फ दादा को प्रदर्शनकारियों की दादागिरी बिल्कुल भी नहीं पसंद आई है, उन्होंने इसके लिए मुंबई पुलिस को घेरा है। वकील गुणरत्न सदावर्ते ने एसटी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि शरद पवार के घर तथा बारामती में तीव्र आंदोलन करने वाले हैं, इस पर पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। हमले के वक्त शरद पवार के घर पर सिर्फ 3 पुलिस कांस्टेबल तैनात थे। अजीत पवार ने इस हमले को एक बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि वे इस साजिश की तह तक जाएंगे। दादा ने मुंबई पुलिस को लपेटते हुए अपरोक्ष हमला अपने ही कोटे के गृहमंत्रालय पर किया है।

महाराष्ट्र को अस्थिर करने का प्रयत्न
वहीं गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा है कि शरद पवार के घर पर हमला बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा है। एसटी कर्मचारियों के इस प्रदर्शन में बाहरी लोग शामिल थे। उनसे पूछताछ से साजिश का पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि इस समय महाराष्ट्र को अस्थिर करने का प्रयास कौन कर रहा है, उसका नाम लेने की जरूरत नहीं है, लेकिन जांच के बाद अपने आप सच सामने आएगा। पाटिल ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए मुंबई के सह पुलिस आयुक्त विश्वास नांगरे पाटिल की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। यह समिति मामले की हर एंगल से जांच करेगी।

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सदावर्ते और 107 कर्मी गिरफ्तार
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शरद पवार के घर पर हमले की साजिश वकील गुणरत्न सदावर्ते की अध्यक्षता में रची गई थी। इसके तहत चंद एसटी कर्मचारियों को आगे कर शरद पवार के आवास पर प्रदर्शन किया गया और बाद में पत्थरबाजी की गई और चप्पल फेंके गए। इस मामले में पुलिस 107 आरोपितों समेत वकील गुणरत्न सदावर्ते को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की गहन छानबीन जारी है।

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