असम-मिजोरम सीमा विवाद पर हुई बैठक में हुआ क्या? जानिये, इस खबर में

दोनों राज्य बातचीत के जरिए अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए हैं।

77

असम-मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा पर शांति और सद्भाव बनाए रखने पर दोनों राज्यों के शीर्ष प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति जताई है। साथ ही दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिलों के उपायुक्त दो माह में कम से कम एक बार आमने-सामने बैठेंगे और संबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में पूछताछ करेंगे।

असम और मिजोरम के बीच 164.6 किमी लंबे अंतरराज्यीय सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों राज्यों के दो-दो मंत्रियों के नेतृत्व में शीर्ष प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण बैठकों का दूसरा दौर 9 अगस्त दोपहर 2.30 बजे मिजोरम की राजधानी के आइजोल क्लब में शुरू हुआ। दरअसल असम सरकार का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर 10 अगस्त आइजोल पहुंचा है।

सीमा पर सद्भाव बनाए रखने पर सहमति
-बैठक में असम और मिजोरम अंतरराज्यीय सीमा पर खेती और कृषि सहित आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने पर सहमति व्यक्त की गयी। दोनों राज्यों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को सूचित कर वन नियमों के अधीन अंतरराज्यीय सीमा पर रहने वालों की गतिविधियों में कोई व्यवधान नहीं होने के पक्ष में बैठक में निर्णय लिया गया। पिछले साल 5 अगस्त 2021 को दोनों राज्य प्रशासन के संयुक्त बयान की पुष्टि करने के लिए असम और मिजोरम ने शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सीमा पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने पर सहमति व्यक्त की है।

ये भी पढ़ें – दक्षिण कोरिया में भारी बारिश से 8 की मौत, 6 लोग लापता

-असम के प्रतिनिधिमंडल के नेता और सीमा क्षेत्र विकास मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि 10 अगस्त की बैठक का मुख्य विषय सीमा पर शांति और स्थिरता थी। हमने पूर्व में आयोजित कार्यक्रमों के बाद विभिन्न अवसरों पर जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठकें की हैं। बोरा ने कहा सीमा पार से बातचीत में भारी सुधार हुआ है। आज की बैठक फलदायी रही।

-उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने इस साल अक्टूबर में गुवाहाटी में अगले दौर की बैठक आयोजित करने का फैसला किया है। इसमें सीमा के मुद्दों एवं मांगों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

-असम के आवास एवं शहरी विकास मंत्री अशोक सिंघल, असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के आयुक्त-सचिव गृह मंत्री ज्ञानेंद्रदेव त्रिपाठी और तीन शीर्ष अधिकारी आज सुबह आइजोल पहुंचे। मिजोरम के गृह सचिव लालबियाकसंगी सहित शीर्ष प्रशासनिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राज्य (मिजोरम) के गृह मंत्री लालचामलियाना ने किया।

-पिछले साल 26 जुलाई को असम और पड़ोसी मिजोरम राज्य पुलिस और मिजो उपद्रवियों के बीच असम के कछार जिला के अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्र में झड़पें हुई थीं। बिना किसी उकसावे के मिजोरम की ओर से गई गोलीबारी में असम पुलिस के छह जवान और एक नागरिक शहीद हो गए जबकि असम पुलिस और स्थानीय निवासियों सहित 60 अन्य घायल लोग हुए थे।

-बराक घाटी के कछार, हैलाकांदी और करीमगंज जिलों में असम और मिजोरम के बीच 164.6 किमी लंबा अंतरराज्यीय सीमा विवाद काफी पुराना है। यह मूलरूप से 1875 और 1933 में सीमाओं के ब्रिटिश सीमांकन का परिणाम था। असम का दावा है कि 1933 की अधिसूचना द्वारा निर्धारित सीमाएं राज्य के संवैधानिक अधिकारों के तहत आती हैं।

-मिजोरम का कहना है कि वह 1875 में घोषित बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईआरएफ) के तहत निर्धारित सीमाओं पर कब्जा है। हालांकि, कब्जा किया गया विशाल क्षेत्र असम के हिस्से में आता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्वयं चल रहे विवाद के समाधान की देखरेख कर रहे हैं।

-इस बीच, कछार जिला के धलाई एवं हैलाकांदी जिला के कटलीचेरा विधानसभा के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में मिजो द्वारा असमिया नागरिकों को प्रताड़ित करने के आरोप हैं। पिछले साल अगस्त में दोनों पड़ोसी राज्यों के प्रतिनिधिमंडलों ने मिजोरम की राजधानी आइजोल में सीमा समाधान के लिए मुलाकात की थी। दोनों राज्य के बातचीत के जरिए अंतरराज्यीय सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए थे।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.