पंजाब के बाद राजस्थान में हाई वोल्टेज ड्रामा? इस तरह बढ़ रहा है कांग्रेस का सिर दर्द

सचिन पायलट जुलाई 2020 तक राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख और उपमुख्यमंत्री थे लेकिन सीएम गहलोत के खिलाफ उनके बगावती तेवर के कारण उन्हें इन दोनों पदों से हटा दिया गया।

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पंजाब में दलितत नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बावजूद रार जारी है। पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रमुख सुनील जाखड़ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं, वहीं अब राजस्थान में हाई वोल्टेज ड्रामा फिर से शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। यहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच एक बार फिर तकरार बढ़ने से पार्टी हाईकमान का सिर दर्द बढ़ने लगा है।

मिली जानकारी के अनुसार 17 सितंबर को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सचिन पायलट के साथ काफी देर तक बैठक की। इस बैठक में राजस्थान में पार्टी की स्थिति के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के एक दिन पहले ही यह बैठक हुई। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इससे पहले राहुल गांधी और सचिन पायलट की इतनी लंबी बैठक कभी नहीं हुई थी।

बदल रहा है पायलट का तेवर
बता दें कि पायलट जुलाई 2020 तक राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख और उपमुख्यमंत्री थे लेकिन सीएम गहलोत के खिलाफ उनके बगावती तेवर के कारण उन्हें इन दोनों पदों से हटा दिया गया। बताया जा रहा है कि बैठक में चर्चा के बाद पायलट का वर्चस्व एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में बढ़ सकता है और उन्हें सरकार या संगठन में महत्वपूर्ण पद दिए जा सकते हैं। इससे वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की परेशानी बढ़ सकती है। वे कभी नहीं चाहेंगे कि पायलट को उनके मुकाबले ज्यादा महत्व दिया जाए।

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 2022 के चुनाव पर फोकस
फिलहाल पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड का 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव काफी अहम हैं। इन प्रदेशों में अगले पांच महीनों में चुनाव कराए जाने हैं। वैसे भी राहुल गांधी और पायलट की बैठक को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है। लेकिन बताया जा रहा है कि 2024 के चुनाव के मद्देनजर राजस्थान की कांग्रेस सरकार और संगठन में भारी फेरबदल संभव है।

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