असम के किन जिलों से हटा अफ्सपा और किन जिलो में रहेगा लागू? जाने, इस खबर में

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मिजोरम और मेघालय से अफ्सपा को हटाया गया। बाद में अरुणाचल के दो थाना क्षेत्रों को छोड़ पूरे राज्य से इस कानून को वापस लिया गया।

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मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में शांति बहाली और विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार जताया है। असम सचिवालय में 31 मार्च की शाम को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि असम में कानून-व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने के चलते शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इसके चलते 31 मार्च की मध्य रात्रि से राज्य के 60 प्रतिशत हिस्से से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम-1958 (अफ्सपा) को हटा लिया जाएगा।

यह स्थिति अचानक नहीं हुई है। राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार होने के बाद यह कदम उठाया गया है। जिसमें बीटीसी में विभिन्न संगठनों द्वारा हथियार छोड़ने तथा कार्बी आंगलोंग जिला में भी कई संगठनों ने हथियार छोड़ा, जिसके चलते आज यह माहौल बना है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस कानून को 60 बार से अधिक बढ़ाया गया। इससे यह साफ हो गया है कि पूरा पूर्वोत्तर शांति की दिशा में आगे बढ़ गया है। पूर्वोत्तर तेज विकास और निवेश के लिए तैयार है।

मोदी-शाह की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद मिजोरम और मेघालय से अफ्सपा को हटाया गया। बाद में अरुणाचल के दो थाना क्षेत्रों को छोड़ पूरे राज्य से इस कानून को वापस लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री शाह के नेतृत्व में असम समेत पूरे पूर्वोत्तर में शांति और विकास तेज गति से आगे बढ़ रहा है।

इन जिलों में लागू रहेगा अफ्सपा
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन जिलों में अफ्सपा अभी बहाल रहेगा, ऐसे कुल 9 जिला और एक जिले का एक सब डिवीजन है। इसमें मुख्य रूप से कार्बी आंगलोंग, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, डिमा हसाउ, डिब्रूगढ़, तिनसुकिय़ा, चराईदेव, शिवसागर, गोलाघाट, जोरहाट एवं कछार जिले के लखीपुर सब डिवीजन शामिल हैं।

इन जिलों से हटाया गया
जिन जिलों से अफ्सपा को हटाया गया है, उसमें धेमाजी, लखीमपुर, माजुली, बिश्वनाथ, शोणितपुर, नागांव, होजाई, मोरीगांव, कामरूप (मेट्रो), दरंग, कामरूप (ग्रामीण), नलबाड़ी, बरपेटा, ग्वालपारा, बंगाईगांव, धुबरी, दक्षिण सालमारा-मानकचार, कोकराझार, चिरांग, बाक्सा, उदलगुरी, करीमगंज, हैलाकांदी और कछार जिला के एक सब डिविजन (लखीपुर) को छोड़कर पूरे कछार जिला शामिल है।

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