आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में सरकार गठन करेगी। केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के बाद पंजाब दूसरा राज्य है, जहां ‘आप’ सत्ता स्थापित करेगी। इस विजय के साथ क्षेत्रीय दल के रूप में ‘आप’ का नाम एक इतिहास रचने वाले दल के रूप में भी अंकित हो गया।
2017 के पंजाब विधान सभा चुनावों में भी आम आदमी पार्टी ने सत्ता स्थापना का दम भरा था, परंतु, वह मात्र 20 सीटों पर ही जीत प्राप्त कर पाई। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे करारी मात मिली। जब राज्य की संगरूर संसदीय सीट पर भगवंत मान के रूप में उसे एक मात्र जीत प्राप्त हो पाई। लेकिन, वही आम आदमी पार्टी 2022 के विधान सभा चुनाव में पंजाब में प्रबल जीत के साथ इतिहास रच रही है।
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‘आप’ बना पहला क्षेत्रीय दल
दो राज्यों में सरकार बनानेवाली आम आदमी पार्टी पहला क्षेत्रीय दल है जो दो राज्यों में सत्ता स्थापना कर रही है। ‘आप’ के लिए पंजाब की सत्ता बड़ी जीत है क्योंकि, यह पहला पूर्ण अधिकार वाला राज्य है, जहां उसे सत्ता संचालन का अवसर मिला है। दिल्ली में उसके हाथ सत्ता तो है परंतु, पूर्ण राज्य का दर्जा न प्राप्त होने के कारण पुलिस समेत बहुत सारे अधिकार उनके पास नहीं हैं। इसी कारण पूर्व में दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी भी चलती रही है।
शून्य से ‘आप’ की सत्ता तक…
2 अक्टूबर, 2012 को आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई और 14 फरवरी, 2014 को संविधान दिवस के अवसर पर इसकी आधिकारिक घोषणा हुई, आम आदमी पार्टी क्षेत्रीय दल के रूप उभरी थी। पार्टी ने 2013 के दिल्ली विधान सभा चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे और 28 सीटों पर जीत प्राप्त की। बहुमत के अभाव में कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता स्थापित की। परंतु, जनलोकपाल पर उसकी कांग्रेस से अनबन हो गई और 2015 में मध्यावधि चुनाव हो गए, जिसमें कुल 70 सीटों में से 67 सीटों पर विजय प्राप्त की और अपने बल पर सत्ता स्थापित की। इस विजय की पुनरावृत्ति हुई 2020 के विधान सभा चुनावों में जब 62 सीटों पर आप ने जीत प्राप्त की और तीसरी बार सत्ता में आई।