प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन में देश की स्वतंत्रता में महान योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्वतंत्रता सेनानियों सावरकर, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर और नेताजी सुभाष चंद्र जैसे महापुरुषों को याद करने का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर, वी.डी. सावरकर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को आजादी दिलाने के साथ-साथ देश के निर्माण में भी बहुत योगदान दिया है। आज का दिन उन्हें याद करने और धन्यवाद देने का है। इन महापुरुषों ने भारत को आजादी दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता उनका जुनून था। ऐसे महापुरुषों को याद करने का यह पवित्र दिन है। 75 साल में देश को कई संकटों का सामना करना पड़ा। लेकिन आज भारत इन सभी संकटों से पार पाकर आगे आ गया है।
संबोधन की खास बातेंः
-स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण कराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो। जीवन न खपाया हो। यातनाएं न झेली हों, आहुति न दी हो। आज ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है।
-उन्होंने कहा कि देश कृतज्ञ है- मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, वीर सावरकर, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल सरीखे अनगिनत ऐसे क्रांति वीरों का, जिन्होंने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी। आगे उन्होंने कहा कि आजादी की जंग लड़ने वाले और आजादी के बाद देश बनाने वाले भी अनेक महापुरुषों को आज नमन करने का अवसर है।
-विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मृति दिवस पर हमने भारी मन से उन लोगों को याद किया, जिन्होंने हमारे तिरंगे के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
-देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में देश की जनता ने मुझे जिम्मेदारी दी थी। वे आजादी के बाद पैदा हुए पहले व्यक्ति हैं, जिसे लाल किले से लोगों को संबोधित करने का मौका मिला।