मणिपुर (Manipur) के 23 भाजपा विधायकों (BJP MLAs) ने शुक्रवार (31 मई) को एक बैठक की, जिसके बाद उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने राज्य में एक लोकप्रिय सरकार के गठन की दिशा में काम करने के “बड़े हित” में “व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को अलग रखने का संकल्प लिया है”।
बता दें कि राज्य में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन (President’s Rule) लगा हुआ है और विधानसभा निलंबित है। 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में भाजपा के कुल 37 विधायक हैं, जिनमें से सात कुकी-जो समुदाय से हैं और शुक्रवार की बैठक का हिस्सा नहीं थे। हालांकि, बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह या स्पीकर सत्यब्रत सिंह शामिल नहीं थे, लेकिन इसमें पार्टी के वे विधायक शामिल थे जिन्होंने बीरेन के खिलाफ विद्रोह किया था और साथ ही वे विधायक भी शामिल थे जिन्होंने 9 फरवरी को उनके इस्तीफे तक उनका समर्थन किया था।
44 विधायकों का समर्थन
सूत्रों के अनुसार, यह बैठक 28 मई को मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से इंफाल राजभवन में 10 एनडीए विधायकों के एक समूह द्वारा मुलाकात के दो दिन बाद हुई, जिसमें दावा किया गया कि राज्य में एक लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए उनके पास 44 विधायकों का समर्थन है। बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, “लोकप्रिय सरकार के गठन की जनता की गहरी इच्छा को स्वीकार करते हुए, हमने एकता और निस्वार्थ भाव से इसे हासिल करने के तरीकों पर चर्चा की। हमने राज्य, उसके लोगों और मणिपुर में भाजपा और उसके गठबंधन सहयोगियों के दृष्टिकोण के व्यापक हित में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को अलग रखने का संकल्प लिया।”
गौरतलब हो कि मणिपुर 3 मई, 2023 से मैतेई और कुकी-जो के बीच संघर्ष से जूझ रहा है, जिसमें 250 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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