11 years of Modi Government: जानिये एक बेबस देश कैसे बन गया शक्तिशाली भारत, क्या-क्या बदला?

साल 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तब देश एक निर्णायक नेतृत्व की तलाश में था। आर्थिक अनिश्चितता, नीतिगत पंगुता और भ्रष्टाचार के मामलों ने जनता को निराश कर दिया था।

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सुनील कुमार तिवारी
11 years of Modi Government: साल 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, तब देश एक निर्णायक नेतृत्व की तलाश में था। आर्थिक अनिश्चितता, नीतिगत पंगुता और भ्रष्टाचार के मामलों ने जनता को निराश कर दिया था। ऐसे समय में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय मंच पर एक उम्मीद की किरण बनकर उभरे। एक चाय बेचने वाले से लेकर देश के शीर्ष नेतृत्व तक का उनका सफर न केवल प्रेरणादायक रहा है, बल्कि यह उस विश्वास और प्रतिबद्धता की कहानी है जो उन्होंने देश की जनता के साथ साझा की। पिछले 11 वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। चाहे वह आधारभूत ढांचा हो, आर्थिक विकास, गरीब कल्याण, सांस्कृतिक पुनर्जागरण, युवाओं का सशक्तिकरण या फिर वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 11 वर्ष के कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है-भ्रष्टाचार से मुक्त शासन। इतने लंबे समय तक शीर्ष पद पर रहने के बावजूद मोदी पर व्यक्तिगत स्तर पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा, जो भारतीय राजनीति में एक दुर्लभ उपलब्धि है। उनके नेतृत्व में सरकार ने ”न खाऊंगा, न खाने दूंगा” के सिद्धांत पर चलते हुए प्रशासन में पारदर्शिता, जवाबदेही और कार्यक्षमता को प्राथमिकता दी। एक और उल्लेखनीय पहल यह रही कि मोदी सरकार ने राजनीतिक स्थिरता के साथ निर्णायक शासन का उदाहरण प्रस्तुत किया। तीन बार लगातार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाकर नरेन्द्र मोदी ने यह साबित किया कि यदि नेतृत्व जनविश्वास अर्जित कर सके तो लोकतंत्र में लंबी स्थिरता संभव है।

गरीबों का सशक्तिकरण और जनकल्याण योजनाएं
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई): गरीबों को पक्के मकान देने के वादे को जमीन पर उतारते हुए सरकार ने अब तक 4 करोड़ से अधिक घरों का निर्माण किया है। यह योजना विशेष रूप से महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्रेशन को बढ़ावा देती है, जिससे महिला सशक्तिकरण को भी बल मिला।

उज्ज्वला योजना: आठ करोड़ से अधिक बीपीएल परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन देकर सरकार ने न केवल महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम उठाया, बल्कि स्वच्छ ईंधन के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया।

जल जीवन मिशन: हर घर जल अभियान के तहत 14 करोड़ से अधिक घरों में नल से जल की सुविधा पहुंचाई गई। इससे न केवल ग्रामीण महिलाओं को राहत मिली, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य में सुधार भी हुआ।

स्वच्छ भारत मिशन: साल 2014 में खुले में शौच मुक्त भारत का सपना देखते हुए शुरू किए गए इस मिशन के तहत 11 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ। यह न केवल स्वच्छता की दिशा में क्रांति साबित हुई, बल्कि सामाजिक गरिमा का प्रतीक भी बनी।

डिजिटल इंडिया और टेक्नोलॉजिकल क्रांतिः डिजिटल इंडिया केवल एक अभियान नहीं रहा, यह देश की अर्थव्यवस्था और प्रशासन में क्रांतिकारी बदलाव का आधार बना।

यूपीआई क्रांति: मार्च 2025 में अकेले 1,830 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए जिनका मूल्य 24.77 लाख करोड़ रुपये रहा। यह विश्व स्तर पर भारत की अग्रणी स्थिति को दर्शाता है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी): अब तक 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी गई, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हुई और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण हुआ।

दूरसंचार विस्तार: देश के हर कोने में 4जी और अब 5जी नेटवर्क की पहुंच, ग्रामीण भारत को डिजिटल रूप से जोड़ने में सफल रही है।

बुनियादी ढांचे में क्रांतिः प्रधानमंत्री मोदी का एक बड़ा फोकस रहा है-विश्व स्तरीय आधारभूत ढांचे का निर्माण।

राजमार्ग निर्माण: 2014 के बाद से अब तक 90,000 किलोमीटर से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण हुआ।

रेलवे आधुनिकीकरण: 100 से अधिक रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प किया गया, बुलेट ट्रेन परियोजना पर कार्य चल रहा है, और वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनों की शुरुआत हुई है।

एयरपोर्ट निर्माण: यूडीएएन योजना के तहत छोटे शहरों को हवाई संपर्क से जोड़ा गया। अब देश में 150 से अधिक एयरपोर्ट्स कार्यरत हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर स्केल: 2014 की तुलना में आधारभूत परियोजनाओं के लिए आवंटित बजट में पांच गुना से अधिक की वृद्धि की गई है।

आत्मनिर्भर भारत और आर्थिक विकास
कोरोना महामारी के दौरान घोषित ”आत्मनिर्भर भारत अभियान” केवल एक नारा नहीं था, बल्कि एक व्यापक दृष्टिकोण था जिसमें उत्पादन, नवाचार, निर्यात और रोजगार सभी शामिल थे।

मेक इन इंडिया: देश अब रक्षा, मोबाइल, सेमीकंडक्टर, फार्मास्यूटिकल, और इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है।

विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था: साल 2014 में भारत 11वीं अर्थव्यवस्था था, आज वह चौथे पायदान पर है, और जल्द ही तीसरे स्थान पर आने की संभावना है।

स्टार्टअप इंडिया: आज भारत में एक लाख से अधिक स्टार्टअप हैं जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। यह नवाचार और उद्यमिता का नया युग है।

कृषि और ग्रामीण विकास
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान): 12 करोड़ से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता मिल रही है। अब तक 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को दी जा चुकी है।

फसल बीमा योजना: इस योजना ने किसानों की आय को सुरक्षित किया है। करोड़ों किसानों को बीमा दावों के तहत हजारों करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं।

ई-नाम: कृषि उपज का डिजिटल व्यापार, किसानों को पारदर्शी कीमतें और बेहतर बाजार उपलब्ध कराने का एक बड़ा माध्यम बना है।

युवा शक्ति और शिक्षाः भारत की 65 फीसद आबादी 35 वर्ष से कम है। इस युवा शक्ति को उत्पादक बनाना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है।

स्किल इंडिया : 1.5 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है।

स्टार्टअप और स्टैंडअप इंडिया: युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित किया गया, जिससे निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन हुआ।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों पर ले जाने का प्रयास है, जिसमें व्यावहारिकता, नवाचार और मातृभाषा में शिक्षा को महत्व दिया गया है।

महिलाओं का सशक्तिकरण
मोदी सरकार का महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान रहा है। इनमें प्रमुख हैं-बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। महिला जनधन खाते। मातृत्व वंदना योजना। कार्यस्थलों पर सुरक्षा और समान अवसर। इन योजनाओं से महिलाओं की भागीदारी शिक्षा, अर्थव्यवस्था और शासन में बढ़ी है।

वैश्विक मंच पर भारत की प्रतिष्ठा
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति निश्चय तौर पर प्रगतिशील रही है। इसके उदाहरण हैं- जी20 की अध्यक्षता और सफल शिखर सम्मेलन। क्वाड, ब्रिक्स और एससीओ में सक्रिय भागीदारी। प्राकृतिक आपदाओं में अंतरराष्ट्रीय सहायता। भारतीय प्रवासी समुदाय से जुड़ाव।प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं और सक्रिय कूटनीति ने भारत को वैश्विक नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका दिलाई है।

इससे संस्कृति, धर्म और विरासत का पुनर्जागरण हुआ है। मोदी सरकार ने सांस्कृतिक मूल्यों के पुनरुद्धार को नया आयाम दिया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक, राम मंदिर निर्माण लोक की जनभावना के तहत कराया गया। बौद्ध तीर्थ स्थलों का विकास और बुद्ध धम्म को वैश्विक मंच पर स्थापित कराया गया। प्राचीन ग्रंथों और धरोहरों का डिजिटलीकरण भी अहम है। आयुष मंत्रालय की स्थापना और योग का वैश्वीकरण महानतम उपलब्धि है।

खेल और फिट इंडिया अभियान

खेलो योजना: ग्रामीण व शहरी प्रतिभाओं को आगे लाना।

टॉप्स स्कीम: ओलंपिक संभावित खिलाड़ियों को पोषण, ट्रेनिंग और वित्तीय सहायता।

पैरालंपिक सफलता: भारत ने हाल के पैरालंपिक्स में रिकॉर्ड 29 पदक जीते हैं।

फिट इंडिया मूवमेंट: लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता।

कोरोना काल का प्रभावी प्रबंधन
कोविड-19 एक अभूतपूर्व वैश्विक संकट था। भारत में 200 करोड़ से अधिक टीके लगाए गए, ”वैक्सीन मैत्री” के तहत 100 से अधिक देशों को टीके भेजे गए। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज मिला।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने बीते 11 वर्षों में विकास की अभूतपूर्व यात्रा तय की है। यह यात्रा केवल आंकड़ों और परियोजनाओं की नहीं है, बल्कि यह उस परिवर्तन की कहानी है जिसने गरीब से लेकर अमीर, किसान से लेकर युवा, ग्रामीण से लेकर शहरी और महिला से लेकर दिव्यांग तक सभी को मुख्यधारा में शामिल किया है। आज जब भारत 2047 में आजादी के 100 वर्ष पूरे होने के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, तब प्रधानमंत्री मोदी की सरकार की नीति, नीयत और नेतृत्व इस परिवर्तन की धुरी बन चुकी है। एक नए भारत की नींव रखी जा चुकी है-विकसित, आत्मनिर्भर, समावेशी और वैश्विक भारत की।

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