ये आंसू आपके दिल ही नहीं सेहत की भी जुबान हैं… पढ़ें समस्या और समाधान

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आंखों से टपकते आंसू दुख की जुबान होते हैं, लेकिन जब ये हमेशा पहने लगें तो इसका अर्थ बदल जाता है। यह एक बीमारी का रूप है, जिसका ध्यान और समय रहते उपचार आवश्यक है।

अग्रवाल आई अस्पताल की डॉ.नीता शाह बताती हैं कि, आंखों से अधिक आंसू आना आंख की नलिकाओं में रुकावट की पहचान है। इसे एपिफोरा कहते हैं। यह आंखों के गंभीर रोग का परिचायक है।

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आंसू आवश्यक हैं…
एक निश्चित मात्रा में आँसू बनना आँखों के लिए बहुत आवश्यक है, क्योंकि इससे आँखों में नमी के स्तर को बरकरार रखने के साथ-साथ आँखों में जानेवाली किसी बाहरी चीज एवं धूल-कणों को हटाने में मदद मिलती है।

चिकित्सा जगत में, सामान्य तौर पर रोने के अलावा आँखों से ज्यादा आँसू आने को एपिफोरा कहा जाता है। यह रोग से संबंधित ​​संकेत या स्थिति है, जिसमें आँखों से कम मात्रा में टियर फिल्म का निकलना शामिल है और इस परिस्थिति में जिसमें आँसू का बहाव नलिकाओं के बजाय चेहरे पर होने लगता है। आधिक आँसू बनने और नलिकाओं में रुकावट ही आँखों से पानी आने की सबसे बड़ा कारण है। छोटे बच्चों में, आँखों की नलिकाओं में रुकावट इसका सबसे सामान्य कारण है। कुछ बच्चे अविकसित नलिकाओं के साथ पैदा होते हैं, और कुछ हफ्तों में नलिकाओं के पूरी तरह विकसित होने के बाद यह रुकावट दूर हो सकती है। अगर टियर डक्ट (आँसू नलिकाएं) सिकुड़ी हुई हो या उसमें रुकावट हो, तो आँसू की थैली में आँसू जमा हो जाते हैं और इसकी वजह से संक्रमण फैलने का भी खतरा होता है। वयस्कों और बड़े बच्चों की बात की जाए, तो उनमें आँसू का अधिक उत्पादन ही इस समस्या का सबसे सामान्य कारण है।”
डॉ.नीता शाह, प्रमुख– क्लिनिकल सर्व्हिसेज, डॉ.अग्रवाल आई अस्पताल, मुंबई

आंखों की स्वच्छता का रखें ध्यान
आँखों में किसी बाहरी चीज से प्रवेश करने पर, सबसे पहले आँखों को कमरे के तापमान पर साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए और आँखों को रगड़ना नहीं चाहिए। यदि बाहरी चीज अभी भी आँखों में मौजूद है, तो व्यक्ति को नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। उसे बाहर निकालने के लिए, लुब्रिकेशन हेतु कृत्रिम आँसू, तथा विशेष परिस्थितियों में एंटीबायोटिक ड्रॉप का उपयोग किया जाता है। आँखों में किसी तरह का केमिकल चले जाने पर, सबसे पहले आँखों को साफ पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए, और रोगी को तुरंत नेत्र-रोग विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।

आँखों से जुड़ी कुछ सामान्य समस्याएं और समाधान

  • एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों के कारण एलर्जिक कंजक्टिवआइटिस होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली द्वारा अति-प्रतिक्रिया का कारण बनता है। इसकी वजह से आँखों से पानी आना, खुजली, आँखें लाल होना और देखने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है। मरीजों को एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों से बचना चाहिए, साथ ही आँखों को रगड़ने और कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से परहेज करना चाहिए।
  • संक्रामक कंजक्टिविटिस होने की स्थिति में, आँखें लाल होना, दर्द, रोशनी को देखने में कठिनाई, चिपचिपाहट, तथा आँखों से तरल पदार्थ का निकलना जैसे लक्षण मौजूद हो सकते हैं। आमतौर पर इस तरह के संक्रमण को इलाज के बिना भी एक हफ्ते के भीतर ठीक किया जा सकता है।
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