दवा खाने से अब व्यायाम करने जैसा एहसास होता है। आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने खास मालीक्यूलर सिग्नल की खोज की है। यह दवा न्यूरोलाजिकल फायदा पहुंचाएगी। आस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन हाल ही में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस खोज से व्यायाम का फायदा पिल (गोली) से भी मिलेगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार इसे विटामिन की गोली की तरह लिया जा सकेगा, जो ऐसे लोगों को व्यायाम जैसा फायदा होगा, जो शारीरिक रूप से व्यायाम करने में सक्षम नहीं हैं। इसके साथ ही इससे अल्जाइमर और पार्किसंस जैसे रोगों से ग्रस्त लोगों को यह फायदा भी होगा कि उनमें रोग बढ़ने की गति धीमी हो जाएगी।
अल्जाइमर और पार्किसंस ग्रस्त लोगों के लिए वरदान
शोधकर्ताओं ने बताया है कि हमें यह पता है कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हमारे न्यूरान कमजोर होने लगते हैं। लेकिन जब हम मालीक्यूलर मैसेज भेजते हैं, तो न्यूरान की स्थिति में सुधार आ सकती है। इस बात के काफी सारे सुबूत हैं कि अल्जाइमर और पार्किसंस ग्रस्त लोगों में व्यायाम से स्मरण शक्ति और मोटर कोआर्डिनेशन में सुधार आता है।
सामान्य लोग रहें सतर्क
शोधकर्ताओं ने चेताया भी है कि भविष्य में यदि इस प्रकार कोई दवा (गोली) बनाई जाती है, तो उसे सर्वसाधारण के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाना चाहिए। बल्कि उसे ऐसे रोगियों के लिए ही रिजर्व रखा जाना चाहिए, जिनका चलना-फिरना सीमित ही हो पाता है।