सर्वोच्च न्यायालय ने ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को 31 जुलाई 2021 तक का समय दिया है। 29 जून को इस मामले में न्यायालय ने इसके लिए यह समय सीमा निर्धारित की। इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को देश के किसी भी भाग मे राशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी मजदूरों के लाभ और कल्याण के लिए अन्य निर्देश भी दिए।
सर्वोच्च न्यायालय ने कोरोना के कारण प्रवासी श्रमिकों के कल्याण और सुविधा के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया के वे प्रवासी मजदूरों को सूखा राशन प्रदान करें और कोरोना महामारी जारी रहने तक सामूहिक भोजन भी जारी रखें।
प्रवासी कामगारों के लिए लाभकारी योजना
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जारी प्रतिबंधों से दोबारा बुरी तरह प्रभावित हुए प्रवासी कामगारों के लिए खाद्य सुरक्षा, नकदी हस्तांतरण और दूसरे कल्याणकारी उपाय सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्दश जारी करने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने 29 जून को अपना फैसला सुनाया।
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11 जून को हुई थी सुनवाई
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 11 जून को इस मामले में कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज, हर्ष मंदार और जगदीप छोकर की याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। नई याचिका 2020 के स्वतः संज्ञान वाले लंबित मामले में दायर की गई थी।
न्यायालय ने पिछले साल लिया था संज्ञान
बता दें कि न्यायालय ने 2020 में प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं और मुश्किलों का संज्ञान लिया था और कई निर्देश जारी किए थे। उनमें वन नेशन वन राशन कार्ड भी शामिल था। इसका उद्देश्य श्रमिकों को उनके कार्यस्थल वाले शहर या स्थान पर राशन उपलब्ध कराना था।