मधुमेह दिवस 14 नवंबर पर विशेषः डायबिटीज होने पर नियम-संयम से रहने के साथ ही ये करना भी जरुरी

मधुमेह के सफल नियंत्रण के तीन मूलमंत्र हैं, सही आहार, सही विहार यानी योग और व्यायाम व सही औषधि।

135

यदि आप को डायबिटीज है तो अपने आहार-विहार और योग व व्यायाम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इससे बीमारी पर लगाम लगा सकता है। नियम-संयम से रहने और सही दवाओं के उपयोग करने से डायबिटीज के चलते होने वाली अन्य गंभीर बीमारियों से भी आप बच सकते हैं। ये जानकारी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में काय चिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि डायबिटीज यानी मधुमेह या प्रमेह चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह है। इसमें लंबे समय तक रक्त में शर्करा का स्तर अधिक बना रहता है। इस रोग को आयुर्वेद में महारोग भी कहा जाता है। इस रोग में शरीर के हर अंग-प्रत्यंग और शरीर की हर कोशिका पर बुरा प्रभाव पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार प्रमेह के 20 प्रकार होते हैं। इसमें से 10 प्रकार कफ की विकृति से उत्पन्न होते हैं। 6 पित्त की विकृति से एवं 4 वात दोष की विकृति से उत्पन्न होते हैं। प्रमेह का जो मुख्य कारण है वह है जीवन शैली में व्यायाम की कमी, स्निग्ध और मधुर भोजन का आवश्यकता से अधिक सेवन। अनुवांशिक कारणों से भी प्रमेह रोग होता है। इस रोग में अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है तथा शरीर की कोशिकाएं इस इंसुलिन को ठीक से ग्रहण नहीं कर पाती है। इससे शर्करा का स्तर लगातार बढ़ता चला जाता है। इस रोग का समय पर इलाज नहीं करने पर आंखों की रोशनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है, उच्च रक्तचाप हो जाता है और किडनी पर बहुत हानिकारक प्रभाव पड़ता है।

क्या है मधुमेह के लक्षण?
अत्यधिक प्यास लगना, अत्यधिक भूख लगना, नजर का धुंधलापन, बार-बार पेशाब होना, थकान (खासकर खाना खाने के बाद) एवं चिड़चिडापन, शरीर में हुए घाव का न भरना या धीरे-धीरे भरना। डा. अजय बताते हैं कि मधुमेह के सफल नियंत्रण के तीन मूलमंत्र हैं। सही आहार, सही विहार यानी योग और व्यायाम व सही औषधि। सही आहार के सेवन के लिए जरूरी है कि मधुमेह रोगी अपने चिकित्सक से मिलकर अपना डाइट चार्ट बनाकर उसके अनुसार आहार लें। ऐसा कच्चा भोजन अधिक मात्र में खाए जिनमें फाइबर अधिक होता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर का लेवल संतुलित रहता है। केवल आहार संतुलित मात्र में लेकर भी बिना औषधियों के रक्त शर्करा को नियंत्रित किया जा सकता है। एक बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए। खाना समय पर और रात को सोने से एक घंटा पहले खायें। रात के खाने के बाद जरूर टहलना चाहिए। मधुमेह रोगी को व्यायाम जरूर करना चाहिए जब आप शारीरिक व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियों को वह ग्लूकोज मिल जाता है जिसकी उन्हें जरूरत होती है। और बदले में, आपके ब्लड शुगर का स्तर नीचे चला जाता है। व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता और ग्लूकोज मेटाबोलिज्म में वृद्धि करता है। इसके साथ ही मधुमेह रोगियों को सही उपचार की जरूरत होती है। आयुर्वेद में मधुमेह रोगियों के लिए करेला, जामुन, मेथी, हल्दी, विजयसार, आंवला,गुडमार का प्रयोग बेहद कारगर साबित हुआ है। इसके अलावा वसंतकुसुमाकर रस, शिलाजित्वादी वटी, प्रमेह गजकेसरी रस, चन्द्रप्रभा वटी, हरिशंकर रस आदि शास्त्रोक्त औषधियों का प्रयोग चिकित्सक की सलाह पर करके मधुमेह पर अंकुश लगाया जा सकता है।

 यहां मिलता है योग का निःशुल्क प्रशिक्षण
वाराणसी की क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी बताती है कि मधुमेह रोगियों को योग- प्रणायाम से काफी लाभ मिलता है। इसमें मंडूकासन, धनुरासन, कपालभाति, अर्धमत्स्येन्द्रासन, पश्चिमोत्तानासन, शवासन शामिल हैं। लेकिन योग-प्राणायाम कुशल प्रशिक्षक की सलाह पर ही करना चाहिए। वह बताती हैं जिले के आठ हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर पर योग-प्राणायाम का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर रामनगर, रामेश्वर, भद्रासी, कठिरांव, मंगारी, पलहीपट्टी, सिंधौरा, आयर शामिल है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में सीएचसी शिवपुर व स्वामी विवेकानंद अस्पताल भेलूपुर में योग वेलनेस सेंटर संचालित होते हैं। मधुमेह रोगी वहां योग-प्राणायाम का निःशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.