देश में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं,लेकिन ब्लैक फंगस के मामले हर दिन बढ़ रहे हैं। इस वजह से लोगों के साथ ही सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी दवा के इंतजाम की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि ब्लैक फंगस की दवाई विश्व में जहां भी मिले,वहां से लाएं।
बता दें कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी नामक इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। पीएम ने जहां अधिकारियों को विदेश से इस इंजेक्शन को लाने की पूरी कोशिश करने के आदेश दिए हैं, वहीं केंद्र सरकार ने पांच और कंपनियों को यह इंजेक्शन बनाने का लाइसेंस दिया है।
पीएम लगातार अधिकारियों से कर रहे हैं बात
पीएम मोदी लगताकर ब्लैक फंगस और लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर रहे हैं। फिलहाल विदेशों से इस इंजेक्शन को लाने के लिए भारतीय दूतावास नियुक्त देशों में इस इंजेक्शन के बारे में पता लगाने में जुट गए हैं।
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सकारात्मक परिणाम
बता दें कि पीएम के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम भी मिलने लगे हैं। अमेरिका की गलियड साइंसेस नाम की कंपनी से मदद मिली है। यह कंपनी भारत को रेमडेसिविर भी उपलब्ध करा रही है। अब ये भारत को लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी इंजेक्शन भी उपलब्ध करा रही है। अभी तक इसकी 121 हजार वायल या शीशियां भारत भेजी जा चुकी हैं। जल्दी ही और 85 हजार वायल और भारत पहुंचने वाली है। बताया जा रहा है कि गलियड साइंसेज ने भारत में इसकी 10 लाख खुराक भेजने के वादा किया है।
देश में 12 हजार मामले
बता दें कि देश भर में ब्लैक फंगस संक्रमण के अब तक लगभग 12 हजार केस सामने आ चुके हैं। इस बीच लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी इंजेक्शन की अतिरिक्त 29,250 शीशियां म्यूकोरमायकोसिस के उपचार के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 27 मई को उपलब्ध कराए गए हैं