भगवान महाकाल की निकलेगी श्रावण मास की पहली सवारी, ऐसी है धार्मिक परंपरा

महाकाल मंदिर से शाम 4.00 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। पालकी में विराजे बाबा महाकाल मन महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे।

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मध्य प्रदेश में 18 जुलाई को श्रावण मास का पहला 18 जुलाई श्रद्धाभाव से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु तड़के से भगवान शिव के मंदिरों में पहुंचकर पूजन-अर्चन में जुटे हुए हैं। उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहली सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी। इस दौरान भगवान महाकाल नगर का भ्रमण कर जनता का हाल जानेंगे।

महाकाल मंदिर से शाम 4.00 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। पालकी में विराजे बाबा महाकाल मन महेश स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे। दो वर्ष के कोरोना काल के बाद पुन: पूर्व के परंपरागत मार्ग से बाबा की सवारी निकाली जाएगी।

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इस तरह है धार्मिक परंपरा
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड ने बताया कि भगवान की सवारी मन्दिर से निर्धारित समय शाम 4.00 बजे निकलेगी। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी निकलने से पहले भगवान महाकाल की पूजा-अर्चना की जाएगी, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि शामिल रहेंगे।

इन स्थानों से निकलेगी भगवान महाकाल की सवारी
भगवान की पालकी मन्दिर से महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन किया जायेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट,मोढ़ की धर्मशाला,कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड,टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर,पटनी बाजार,गुदरी बाजार से होती हुई पुन: मन्दिर पहुंचेगी। भगवान की दूसरी सवारी 25 जुलाई को निकलेगी। इसमें पालकी में भगवान चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में और हाथी पर मनमहेश के स्वरूप में विराजित होंगे।

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