नीति आयोग ने बताया कैसे बचें एच3एन2 वायरस से?

मौसम में हो रहे बदलावों के कारण सर्दी, बुखार और खांसी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार के अधीन स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।

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मौसमी सर्दी,खांसी और बुखार की दिक्कत देश भर में तेजी से बढ़ रही है। जिसको लेकर नीति आयोग की बैठक हुई। इसमें आयोग की ओर से जनहित में दिशानिर्देश जारी किये गए हैं। जिसमें मास्क लगाने का भी निर्देश दिया गया है।

क्या है एच3एन2?
मौसमी इन्फ्लूएंजा एक तीव्र श्वसन (एक्यूट रेस्पिरेटरी) संक्रमण रोग है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है। यह विश्व के सभी हिस्सों में फैलता है और वैश्विक स्तर पर कुछ महीनों के दौरान इसके मामले बढ़ते हुए देखे गए हैं। भारत में हर साल मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामले दो बार सबसे अधिक दर्ज होते हैं। पहला, जनवरी से मार्च तक और दूसरा, मॉनसून के बाद के मौसम में। मार्च के अंत से मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।

मौसमी इन्फ्लुएंजा के संदर्भ में छोटे बच्चे और बुजुर्ग सहरुग्णता वाले सबसे कमजोर समूह हैं। अभी तक कर्नाटक और हरियाणा ने एच3एन2 इन्फ्लुएंजा से एक-एक मौत की पुष्टि की है।

दो मृत्यु के बाद सतर्कता
एच3एन2 या मौसमी इन्फ्लुएंजा से दो मृत्यु हो चुकी है, जिसमें एक कर्नाटक में और दूसरा राजस्थान में हुआ है। ऐसी घटनाएं न बढ़ें इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय रियल टाइम जानकारी प्राप्त करने के लिए एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क तैयार किया है, जिसके माध्यम से राज्यों में संक्रमितों की निगरानी और ट्रैकिंग कर रहा है।

स्वास्थ्य के लिए दिशानिर्देश

1. हाथों को साफ रखें
एच3एन2 वायरस से बचने का सबसे आसान तरीका है हाथों को नियमित रूप से साफ रखना। साबुन या हैंडवॉश से हाथों को धोना एवं सैनिटाइज करना बहुत जरूरी है। वायरस संक्रमण से बचने के लिए साधारण तौर पर हाथों और उंगलियों की दोनों तरफ से सही से साफ करना जरूरी होता है।

2. चेहरे को छूने से बचें
एच3एन2 वायरस से बचने के लिए, लोगों को अपने चेहरे को छूने से बचना चाहिए। वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाने का मुख्य माध्यम होता है हाथ। इसलिए, हाथों को साफ रखने के साथ-साथ लोगों को चेहरे को छूने से बचना भी बहुत आवश्यक है।

3. मास्क का उपयोग करें
मास्क धारण करना भी इस समस्या को दूर करने के लिए बहुत मददगार साबित हो रहा है। इसलिए, भारत सरकार ने नागरिकों को मास्क लगाने की सलाह दी है। इन सभी उपायों का पालन करना जरूरी है ताकि एच3एन2 जैसी संक्रमण मुक्त होने में मदद मिल सके।

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4. भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचना एच3एन2 वायरस से बचने के लिए बेहद ज़रूरी है। इस वायरस के लक्षणों में खाँसी, ठंड, जुकाम और बुखार शामिल होते हैं, और यह भीड़भाड़ वाली स्थानों से आसानी से फैलता है।

5. सार्वजनिक स्थानों में थूकने से बचें
संक्रमण से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण परहेजों में से एक है सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचना। रिसर्च के अनुसार, थूक में कुछ ऐसे जर्म्स होते हैं जो 24 घंटे तक जिंदा रहते हैं और किसी व्यक्ति को संक्रमित करने के लिए पर्याप्त होते हैं। डॉक्टरों की सलाह यही है कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकना बंद किया जाए।

7. स्वच्छता बनाए रखें
स्वच्छता अपनाना एच3एन2 वायरस से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। अपने घर और काम के स्थान को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ, सार्वजनिक स्थानों के अंदर भी स्वच्छता का खास ध्यान रखें। हर दो घंटे के अंतराल में सार्वजनिक जगहों को अवश्य साफ-सुथरा करें। सार्वजनिक टॉयलेट का प्रयोग करते समय हमेशा मास्क पहनें और डिस्टेंसिंग बनाये रखें।

10. डॉक्टर की सलाह लें
सभी ऊपर बताए गए नियमों का पालन करने के बाद भी अगर किसी को एच3एन2 वायरस के लक्षण दिखाई दें तो उन्हें डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर चलते हुए उपयुक्त दवाओं के सेवन की सलाह दी जाती है।

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