उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के तत्वावधान में ‘‘मोटापा मानव जीवन के लिए खतरा’’ विषय पर व्याख्यान हुआ। हेमवती नंदन बहुगुणा राजकीय पीजी कॉलेज, नैनी की प्राचार्या प्रो. सुनंदा चतुर्वेदी ने कहा कि रेशेयुक्त भोजन एवं मौसमी फलों का उपयोग कर मोटापे से बचा जा सकता है।
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प्रो. चतुर्वेदी ने 9 जून को आयोजित व्याख्यान में कहा कि प्रौढ़ावस्था में वजन घटाना बहुत मुश्किल होता है। इसलिए मोटे अनाज को अपने आहार में स्थान देंगे तो मोटापे से दूर रहेंगे। खानपान की आदतों में सुधार लाए बिना मोटापा पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता। खानपान की आदतों में सुधार के साथ ही व्यायाम भी अत्यंत आवश्यक है। कोरोना काल में लोगों ने सक्रियता से प्राणायाम एवं अन्य व्यायाम करके अपनी जीवनशैली में सुधार किया। उन्होंने कहा कि वंशानुक्रम के आधार पर भी मोटापा होता है।अध्यक्षता करते हुए मुक्त विवि की कुलपति प्रो.सीमा सिंह ने कहा कि मोटापा बीमारियां लेकर आता है। इसके लिए अपनी दिनचर्या के साथ ही मानसिकता को भी ठीक करना होगा। इसका सरल उपाय स्वयं खुश रहना और दूसरों को खुश रखना है जो कि लंबे जीवन का आधार है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवनचर्या, संतुलित आहार एवं शारीरिक सक्रियता से मोटापे पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि इसके पूर्व विषय प्रवर्तन स्वास्थ्य विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो. गिरिजा शंकर शुक्ल ने किया। उन्होंने कहा कि शरीर कोशिकाओं का समुच्चय है। अगर इसमें तारतम्य बिगड़ा तो मोटापे के गिरफ्त में आ जाते हैं। व्याख्यान का संचालन डॉ. मीरा पाल तथा धन्यवाद ज्ञापन अमित कुमार सिंह ने किया।