क्या हिंदू विरोधी एजेंडे को समर्थन दे रहा है फेसबुक?

फेसबुक की मनमानी के खिलाफ सनातन संस्था ने बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। संस्था ने अपने फेसबुक पेजों को बंद करने को न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा है कि यह कार्रवाई केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन करती है।

98

इस समय भारत में सोशल मीडिया की जबरदस्त आलोचना की जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये विदेशी कंपनियां सिर्फ पैसा कमाने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इनके छिपे हुए एजेंडे भी हैं। यह अब स्पष्ट हो रहा है। यह मुद्दा केवल ट्विटर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य सोशल मीडिया भी भारतीय कानूनों से बंधे नहीं रहना चाहते। ऐसे में सभी विदेशी सोशल मीडिया सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो रहे हैं। चाहे वह व्हाट्सएप हो, जो ग्राहकों को अपने नियमों का पालन करने के लिए मजबूर कर रहा हो, या फेसबुक जो अपनी मनमानी करने के लिए कुख्यात हो या इंस्टाग्राम, जो अपने हिंदू विरोधी एजेंडे के लिए जाना जाता हो।

सोशल मीडिया की आड़ में ये प्रतिष्ठान उपभोक्ताओं को अपने नियम व शर्तों का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, वहीं ये केंद्र सरकार के नियम-कानूनों का पालन करने को तैयार नहीं हैं।

फेसबुक का हिंदू विरोधी एजेंडा

  • 2 साल पहले फेसबुक ने हिंदू जनजागृति समिति के फेसबुक पेज को बैन कर दिया था।
  • अब कुछ दिन पहले हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देने वाली हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू अधिवेशन’ के पेज पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
  • इस पेज के पाठकों की संख्या 14 लाख 45 हजार थी।
  • दो दिन पहले समिति के हिंदी पेज पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • इसके अलावा सनातन संस्था के पेज को भी बैन कर दिया गया है।
  • सनातन संस्था के सात्त्विक उत्पादों का ऑनलाइन वितरण करने वाले पेज ‘सनातन शॉप’ पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • जबकि ये सभी पृष्ठ हिंदुओं को धर्म की शिक्षा प्रदान करने का एक नेक काम कर रहे हैं और इस पर कोई आपत्तिजनक लेखन नहीं है।
  • जाहिर है, इन पेजों को पूर्व ग्रसित मानसिकता के कारण बंद कर दिया गया है।

हिंदू विरोधी एजेंडा
सनातन संस्था समाज में धर्म की शिक्षा के लिए कार्य करती है। समाज में सात्विकता को बढ़ाने के लिए आध्यात्मिकता का प्रसार करती है। छोटे बच्चों को बालसंस्कार का ज्ञान देती है। वयस्कों को धर्म संस्कार सिखाकर पुराने रीति रिवाजों के बंधन से मुक्त करती है। हिंदू जनजागृति समिति राष्ट्रीय रक्षा और धर्मजागृति के लिए काम करती है। जहां भी हिंदू धर्म और संस्कृति पर हमला होता है और राष्ट्र को नुकसान पहुंचता है, समिति इसका कड़ा विरोध करती है। फेसबुक को ये संगठन पसंद नहीं हैं। इतना ही नहीं, फेसबुक ने ‘सनातन प्रभात’, ‘सुदर्शन न्यूज’, ‘ऑप इंडिया’, आंध्र प्रदेश के हिंदू समर्थक विधायक टी. राजा सिंह और अन्य को उनके फेसबुक पेज पर बिना कोई जानकारी दिए सीधे प्रतिबंधित कर दिया है।

ये भी पढ़ेंः “बड़ा दुख दीना”! पढ़ें शिवसेना विधायक ‘प्रताप सरनाईक’ का मुख्यमंत्री को लिखा वो मार्मिक पत्र

देश विरोधी ताकतों को संरक्षण
दूसरी ओर, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, डॉ. जाकिर हुसैन जैसी संस्थाएं और लोग, जो देश और समाज में अशांति फैलाने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं, उन्हें फेसबुक पर खुला संरक्षण दिया जा रहा है।

सनातन संस्था ने खटखटाया न्यायालय का दरवाजा
फेसबुक की मनमानी के खिलाफ अब सनातन संस्था ने बॉम्बे हाई कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। फेसबुक पेज बंद करना अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है। सनातन संस्था ने फेसबुक पेजों को बंद करने को न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा है कि फेसबुक की कार्रवाई केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन करती है और उसकी कार्रवाई बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का पालन किए भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इस याचिका पर 17 जून को न्यायमूर्ति एम.एस. सोनाक और न्यायमूर्ति एम.एस. जावलकर की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई।

नहीं दी कोई जानकारी
फेसबुक ने बिना किसी पूर्व सूचना के सितंबर 2020 में सनातन संस्था के 3 पेज बंद कर दिए। सनातन संस्था के ‘फेसबुक’ पेज आध्यात्मिक, धार्मिक और देशभक्ति पर आधारित हैं। इस पर लेख, समाचार आदि हिंदू धर्म के मार्गदर्शन और उन पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी हैं। इसका किसी व्यवसाय से कोई लेना-देना नहीं है। बिना किसी सूचना के लाइव पेजों को बंद करना अन्याय है। केंद्र सरकार या अदालतों के निर्देशानुसार संबंधित पेजों को ब्लॉक करने का अधिकार केवल फेसबुक के पास है। फेसबुक की कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार भी अपने मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही है। नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। फेसबुक ने याचिका पर बहस करने के लिए अपनी तत्परता का संकेत दिया है, जिसे 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.