कोरोना वायरस के संक्रमण से देश को थोड़ी राहत मिलती दिख रही है, लेकिन इस बीच ब्लैक फंगस के बढ़ते प्रकोप ने नई परेशानी पैदा कर दी है। यहीं नही, ब्लैक फंगस के साथ ही व्हाइट फंगस के भी मरीज पाए जाने से चिंता और बढ़ गई है।
दरअस्ल बिहार की राजधानी पटना के पटना मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल( पीएमसीएच) मे भर्ती कोरोना के चार रोगियों में व्हाइट फंगस की पुष्टि की गई है।
माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख ने की पुष्टि
अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर एसएन सिंह ने कोरोना रोगियों में व्हाइट फंगस मिलने की पुष्टि की है। यह फंगस मरीजों की स्किन को नुकसान पहुंचा रहा है। इसकी देरी से पहचान होने और उपचार में देर हो जाने पर मरीज की जान को खतरा हो सकता है। डॉ. सिंह ने कोरोना और पोस्ट कोरोना मरीजों को इस बीमारी को गंभीरता से लेने का आग्रह किया है।
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ब्लैक फंगस के 34 मरीज
बता दें कि 19 मई को ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के कुल 34 मरीज पटना के बड़े अस्पतालों में मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। इनमें से 24 पटना के एम्स में, जबकि 9 आईजीआईएमएस में और एक पीएमसीएच में मिले हैं। हालांकि एम्स में 24 में से सात को ही उपचार के लिए भर्ती किया गया। अन्य मरीजों को दवा देकर जांच कराने की सलाह दी गई। वहीं आईजीआईएमएस में आए सभी 9 लोगों को ब्लैग फंगस यूनिट में उपचार के लिए भर्ती कर लिया गया। पीएमसीएच के मरीज को एम्स में भर्ती होने की सलाह दी गई।