पाकिस्तानः एक और मंदिर को हड़पने की कोशिश!

पाक के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में एक प्राचीन शिव मंदिर में अवैध निर्माण किया जा रहा है। पाकिस्तान के एक हिंदू नेता ने यह मामला उजागर किया है।

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पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ अन्याय और जुर्म के साथ ही उनके धर्म स्थलों में आग लगाने और तोड़फोड़ करने तथा अवैध कब्जे की खबरें भी आते रहती हैं। इसी क्रम में एक और खबर आई है। पाक के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत में एक प्राचीन शिव मंदिर में अवैध निर्माण किया जा रहा है। पाकिस्तान के एक हिंदू नेता ने यह मामला उजागर किया है।

पेशावर में हिंदू नेता हारन सरब दियाल ने इस मामले को उठाते हुए मंदिर में अवैध कब्जे को रुकवाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि मानसेहरा जिले के गांधियान में बने इस शिव मंदिर के परिसर में अवैध निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से इसे जल्द से जल्द रुकवाने का आग्रह किया है।

मंदिर परिसर में शौचालय का निर्माण
दियाल ने कहा कि उन्होंने मंदिर परिसर में किए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवाने की मांग अधिकारियों और सरकार से की तो है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई कदम नही उठाया गया है। उन्होंने बताया कि 11 अप्रैल को जब वे मंदिर में गए तो उन्होंने देखा कि मंदिर परिसर में कई शौचालय बिना किसी योजना और अनुमति के बनाए जा रहे हैं। यह एक प्राचीन शिव मंदिर है और इस तरह का अवैध निर्माण हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है।

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पाकिस्तान का दोगलापन
दरअस्ल भारत में अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार का मुद्दा जोर-शोर से उठानेवाले पाकिस्तान में हिंदुओ के साथ ही सिख और ईसाईयों की स्थिति के बारे में पूरी दुनिया को पता है, हालांकि पाकिस्तान कभी भी यह स्वीकार नहीं करता, लेकिन बीच-बीच में इस तरह की खबरें आते रहती हैं और पाकिस्तान की कथनी और करनी में अंतर पूरी दुनिया के सामने उजागर होते रहता है।

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मंदिरों पर बेपर्दा हो गया पाकिस्तान
फरवरी 2021 में खुद पाकिस्तानी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा कर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को बेपर्दा कर दिया था। आयोग ने जो रिपोर्ट पेश की थी, उसमें हिंदू मंदिरों की हालत बेहद खराब बताई गई थी।

आयोग ने पेश की रिपोर्ट
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदू मंदिरों की स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए डॉक्टर शोएब सदल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी सातवीं रिपोर्ट में अफसोस जताते हुए बताया था कि ईवैक्यूई ट्रस्ट प्रोपर्टी बोर्ड( ईटीपीबी) हिंदुओं के अधिकांश प्राचीन धर्म स्थलों को संभालने में विफल रहा है।

रिपोर्ट में दो मंदिरों का हाल
आयोग ने 6 जनवरी को चकवाल में कटस राज मंदिर और 7 जनवरी को मुल्तान के प्रह्लाद मंदिर का दौरा किया था। रिपोर्ट में पाकिस्तान के चार सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से दो की जानकारी पेश की गई थी। रिपोर्ट के साथ मंदिरों की तस्वीरों को भी संलग्न किया गया था।

भूमाफिया का कब्जा
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में कुल 365 मंदिर हैं। इनमें से सिर्फ 13 के रखरखाव की जिम्मेदारी ईटीपीबी ने ली हुई है। जबकि 65 मंदिर ऐसे हैं, जिनकी देखभाल खुद हिंदू समुदाय करता है, जबकि 287 मंदिरों पर भूमाफिया ने कब्जा जमा लिया है।

अल्पसंख्यकों की संपत्तियों पर भी कब्जा
रिपोर्ट में खुलासा किया गया था कि ईटीपीबी की दिलचस्पी मात्र प्रवासित अल्पसंख्यकों की महंगी संपत्तियों पर कब्जा जमाने की है। वह अब तक अल्पसंख्यक समुदाय के सैकड़ों पूजास्थलों ,धर्मस्थलों और अन्य संपत्तियों को अपने कब्जे में ले चुका है।

2020 में भीड़ ने मंदिर में लगा दी थी आग
बता दें कि पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले महीने ही खैबर पख्तूनखबा में तोड़े गए एक सौ वर्ष पुराने हिंदू मंदिर को दोबारा बनवाने का आदेश दिया था।

इस मंदिर को दिसंबर 2020 में भीड़ ने हमला कर तोड़ दिया था और आग लगा दी थी। इस वजह से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को काफी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी थी।

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