बीकानेर में मशहूर है ‘डोलची मार’ होली! जानिए, कब और कैसे खेला जाता है यह मस्ती भरा खेल

बसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए रंगों का त्योहार होली बीकानेर में अनूठे तरीके से मनाया जाता है।

146

बीकानेर शहर की मस्ती दुनियाभर में विख्यात है ही, साथ ही साथ यहां की चमक-दमक भी किसी से छिपी नहीं है। ‘संतोषी जीव’ होने के कारण यहां के लोगों का उत्साह-उमंग होली के दौरान और भी गहरा जाता है। बसंत ऋतु के आगमन पर बसंत का स्वागत करने के लिए रंगों का त्योहार होली बीकानेर में अनूठे तरीके से मनाया जाता है। होलाष्टक के दौरान ही देशभर में विख्यात पुष्करणा समाज के सबसे बड़े शहर के रूप में भी विख्यात बीकानेर में हर्ष और व्यास समाज के लोगों के बीच खेला जाने वाला ‘डोलची मार’ खेल 16 मार्च को खेला जाएगा।

ये भी पढ़ें – देवबंद से गिरफ्तार आतंकी बंदा… लश्कर ए तैयबा से था संबंध

गुलाल उछालकर खेल के समापन
हर्षों का चौक से मूंधड़ों का चौक की ओर जाने वाले रास्ते पर इस खेल में दोनों समाजों के लोग खूब आनन्द के साथ मस्ती करते हैं। वे एक-दूसरे की पीठ पर पानी से भरा प्यार वाला ‘वार’ करते हैं। और तो और दिल में उतरने वाले इस ‘वार’ को देखने के लिए सैकड़ों लोग साक्षी बनने के लिए हर्षों का चौक पहुंचते हैं। दोपहर में शुरु होने वाला यह खेल लगभग तीन से चार घण्टे तक चलता है। हर्ष जाति के लोग गुलाल उछालकर खेल के समापन की घोषणा करते हैं।

आयोजन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं लोग
समापन के साथ ही गेवर गली के आगे खड़े होकर ये लोग होली के गीत गाते हैं और अपनी-अपनी विजय की घोषणा कर प्रेमपूर्वक होली मनाते हैं। इस दौरान एक-दूसरे पर व्यंग्य बाणों के साथ-साथ पानी के ‘वार’ चलते रहते हैं। इस बार यह खेल 16 मार्च को खेला जाएगा। हर्ष समाज के संजय हर्ष बताते हैं कि करीब सैकड़ों वर्षों से हर्ष और व्यास समाज के लोगों के बीच डोलची पानी की ‘होली’ खेल आज भी खेला जा रहा है। अन्य जाति के लोग भी इस आयोजन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। डोलची में पानी भरा जाता है, यह पानी हर्ष और व्यास जाति के लोग एक दूसरे की पीठ पर पूरी ताकत के साथ फेंकते हैं और पर्व का आनंद लेते हैं।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.