ई-तरंग है बच्चों की रचनात्मकता, कौशल और प्रतिभा के विकास का मंच… जानें कैसा है कार्य

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कोरोना महामारी ने हमारी जीवन और जीवनशैली को काफी अधिक प्रभावित किया है। शिक्षा सहित हर क्षेत्र पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। इसके प्रकोप ने बच्चों और युवाओं के समग्र विकास को गंभीर रूप से बाधित किया है। हालांकि इस बीच, शिक्षा में हो रहे व्यवधान को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें बच्चों के स्वस्थ विकास के लिए और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक, पाठ्यक्रम से अलग गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना भी शामिल है।

एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेस ऑफ इंडिया बच्चों की देखभाल के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा स्व-कार्यान्वयन एनजीओ है, और यह पांच दशकों से सुविधाओं से वंचित बच्चों और समुदायों के लिए कई देखभाल समाधानों का विस्तार कर रहा है। कोविड -19 की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, एनजीओ द्वारा समाज के सबसे कमजोर वर्गों पर इस महामारी के नकारात्मक और दीर्घकालिक प्रभाव को कम करने के लिए कई पहल की गई हैं। ऐसी ही एक पहल ई-तरंग रही है, जो साइट पर होनेवाले उन तरंग उत्सव से उपजा है जो पिछले वर्षों में कोविड-19 के प्रकोप से पहले आयोजित किये गये थे।

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तरंग बच्चों के लिए दर्शकों के सामने अपनी क्षमताओं, रचनात्मकता और कौशल का प्रदर्शन करने, सीखने, साझा करने और अनुभव हासिल करने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। प्रत्येक वर्ष, तरंग, और दो वर्षों से, ई-तरंग के पास पेश करने के लिए कुछ अनूठा रहा है।

ई-तरंग 2021 में न केवल एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेस ऑफ इंडिया की मदर्स, बच्चों और सहकर्मियों के उत्साह और उनकी भागीदारी देखी गई, बल्कि इस दौरान उन्होंने फेस्टिवल से संबंधित व्यक्तिगत यात्राओं और संदेशों को भी साझा किया। बच्चों द्वारा ली गई ‘एपीजे अब्दुल कलाम शपथ’ ने एक अधिक समावेशी और प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण की प्रतिबद्धता को दोहराया। इनमें जिस चीज ने सबसे अनोखे तरीके से ध्यान आकर्षित किया वह है चिल्ड्रेन्स विलेजेज खजूरी कलां के प्रतिभाशाली बच्चों का अपने अलग तरीके से राष्ट्रगान गाना। विशेष रूप से सक्षम, इन बच्चों ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रंगों को प्रदर्शित करने वाले परिधानों में सांकेतिक भाषा के माध्यम से राष्ट्र गान प्रस्तुत किया। प्रश्नोत्तरी, गीत / नृत्य प्रतियोगिताओं और असाधारण भाषणों के अलावा, विज्ञान परियोजना प्रदर्शनी ने कुछ नवीन विचारों पर प्रकाश डाला, जिनमें से वाटर बॉडीज में तेल रिसाव को रोकने के लिए एक संभावित समाधान भी शामिल था, जिससे पर्यावरण की रक्षा हो सके।

आनंद और रचनात्मकता के इस फेस्टिवल ने जीवन के सभी क्षेत्रों के गणमान्य व्यक्तियों सहित विशेष मेहमानों का भी स्वागत किया। इस बार, बॉलीवुड स्टार संजना सांघी ने बच्चों के लिए एक हार्दिक संदेश दिया, उन्हें शुभकामनाएं दीं और उनकी रचनात्मक भावना को सलाम किया।

ई-तरंग पर बात करते हुए, एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेज ऑफ़ इंडिया के महासचिव श्री सुमंता कर ने कहा: “ई-तरंग तरंग का वर्चुअल संस्करण है, जिसका आयोजन महामारी के कारण किया गया। हालांकि, इसने किसी भी तरह से बच्चों, मदर्स और सहकर्मियों के उत्साह को कम नहीं किया, जो देखने में बहुत आश्वस्त करने वाला था। प्रतियोगिताओं का दायरा, और उससे प्रज्वलित हुई रचनात्मक भावना ने भाग लेने और आयोजन करने वालों के लिए प्रेरणा का काम किया। इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने और इसका विस्तार करने के उद्देश्य से हमारे फेसबुक हैंडल पर भी कार्यक्रम को स्ट्रीम किया गया। इस तरह के आयोजन बच्चों के विकास, खासकर वर्तमान जैसे चुनौतीपूर्ण समय में बच्चों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।”

एसओएस चिल्ड्रेन्स विलेजेस ऑफ इंडिया वर्तमान में 22 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित अपने 32 गांवों के माध्यम से 30,000 से अधिक बच्चों की सेवा कर रहा है।

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