जानें…भारत में क्यों खतरनाक हुआ कोविड19?

कोविड19 का बढ़ता संक्रमण देश और जनमानस दोनों के लिए चिंता का विषय है। इसकी मारक औषधि अब तक नहीं बन पाई है जिसके कारण वैक्सीन लेकर और सावधानी बरतकर ही लोगों को इससे बचने का समाधान करना पड़ा रहा है।

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भारत में अप्रैल के पिछले पांच दिनों से कोरोना संक्रमितों के आंकड़े दो लाख के ऊपर जा रहे हैं। यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। एक ओर टीकाकरण अभियान चल रहा है तो दूसरी ओर कोविड अपनी पूरी गति लिए जनसंख्या को रोगग्रस्त कर रहा है। कोविड की यह लहर देश में अधिक मारक और संक्रामक है। इसका अध्ययन विभिन्न जीनोम जांच एजेंसिया कर रही हैं। ऐसे ही एक अध्ययन में देश में कोविड के 1189 वेरिएंट पाए जाने की पुष्टि हुई है।

विश्व में इस समय कोविड बहुरूपिया हो गया है। जिसके कारण इसका लक्षण के अनुसार उपचार करनेवाले डॉक्टरों को अबकी बार बड़ी परेशानी झेलनी पड़ रही है। अब इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम ने महाराष्ट्र से भेजे गए सैंपल के रिजल्ट 12 मार्च 2021 से 16 अप्रैल 2021 के दौरान 9 बार अलग-अलग समय में राज्य से साझा किया है।

क्या है इन्साकोग?
इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) दिसंबर 2020 में स्थापित 10 प्रयोगशालाओं का नेटवर्क है। यह पूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के माध्यम से भारत में सार्स कोविड-2 के जीनोमिक बदलावों पर निरंतर निगरानी रखने का काम करता है।

देश से इकट्ठा हुए सैंपल

  • इंडियन सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के 10 प्रयोगशालाओं में 15 अप्रैल 2021 तक कुल 13,614 पूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) सैंपल भेजे
  • 1,189 नमूने भारत में सार्स कोविड-2 के खतरनाक वैरिएंट के लिए पॉजिटिव पाए गए
  • यूके वैरिएंट्स के 1,109 नमूने; दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के 79 नमूने और ब्राजील वैरिएंट का 1 नमूना था शामिल

निष्कर्ष

  • कोविड 19 वायरस अपना रूप बदल रहा
  • भारत के साथ ही कई देशों में कई म्यूटेशंस हैं मौजूद
  • इनमें यूके के 17 म्यूटेशंस, ब्राजील के 17 म्यूटेशंस और दक्षिण अफ्रीका के 12 म्यूटेशंस वैरिएंट्स
  • इन वैरिएंट्स की फैलने की क्षमता काफी ज्यादा
  • यूके वैरिएंट ज्यादातर यूके, पूरे यूरोप में पाया गया और एशिया व अमेरिका तक में फैल गया है।

क्या है डबल म्यूटेशन

  • डबल म्यूटेशन (2 म्यूटेशंस) एक अन्य वैरिएंट
  • यह ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, नामीबिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए जैसे कई देशों में पाया गया
  • इस वैरिएंट के ज्यादा फैलने की क्षमता अभी तक स्थापित नहीं हुई

क्या आरटी-पीसीआर जांच है काफी?

  • भारत में इस्तेमाल हो रही आरटी-पीसीआर जांच से ये म्यूटेशंस बच नहीं सके
  • देश में हो रही आरटी-पीसीआर जांच दो से अधिक जीन्स को है टारगेट करती
  • आरटी-पीसीआर जांचों की संवेदनशीलता और विशिष्टता है बनी हुई
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