अब डिजिटल हुई राखी! दूर रहकर भी करीब होने का एहसास

भारत में रिश्तों की डोर इतनी मजबूत है, कि दो-तीन पीढ़ियों तक के सदस्यों में भी गर्माहट बनी रहती है। इन रिश्तों को मजबूत करने में होली, दिवाली और रक्षा बंधन जैसे त्योहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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कोरोना काल ने हमारी लाइफ स्टाइल के साथ ही पंरपराओं और त्योहारों के स्वरुप को काफी बदल दिया है। फिलहाल 22 अगस्त को देश के साथ ही विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों ने भी रक्षाबंधन मनाने की तैयारी पूरी कर ली है। हालांकि कोरोना का प्रभाव इस त्योहार पर भी स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है, लेकिन बदलते हालात में भी इस त्योहार को मनाने का जोश और जुनून लोगों में बरकरार है।

रक्षाबंधन भाई-बहन का सबसे बड़ा और पवित्र त्योहार है। भारत में रिश्तों की डोर इतनी मजबूत है, कि दो-तीन पीढ़ियों तक के लोगों में भी गर्माहट बनी रहती है। इन रिश्तों को मजबूत करने में होली, दिवाली और रक्षा बंधन जैसे त्योहार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मजबूरी भी,जरुरी भी
देश में कोरोना महामारी से तो काफी हद तक राहत मिल गई है, लेकिन इसके खतरे को देखते हुए अभी भी कोरोना के नियमों के पालन करने की मजबूरी है। इसलिए रक्षाबंधन के त्योहार पर ज्यादातर भाई-बहनों का मिलना मुश्किल ही है, लेकिन इस त्योहार को मनाने का विकल्प उनके पास उपलब्ध है, जिसका वे पूरा-पूरा लाभ उठा रहे हैं।

ऑनलाइन खरीदारी पर जोर
रक्षा बंधन के अवसर पर बाजारों में पहले की तरह ही चहलपहल तो नही दिख रही है, लेकिन ऑनलाइन खरीदी खूब की जा रही है। यहां तक की बहनें भाइयों को राखियां भी ऑनलाइन भेज रही हैं और भाई बहनों को उपहार भी इसी तरह भेज रहे हैं। एक अनुमान के तहत रक्षाबंधन के मौके पर 55 प्रतिशत राखी और उपहारों की खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है। इस वजह से खुले बाजार में राखी के साथ ही उपहारों की भी खरीदारी करीब 65 प्रतिशत कम हो गई है।

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बहनें मांग रही हैं पसंद के उपहार
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने इस महत्वपूर्ण त्योहार को मनाने का यह तरीका अपनाया है। यहां तक कि बदलते परिवेश में बहनें भी भाइयों से अपनी पसंद के उपहार मांग रही हैं। इसका कारण यह है कि इससे पहले भाई बहनों को उपहार में कई बार कुछ ऐसी चीजें भी दे देते थे, जो या तो बहनों को पसंद नहीं आती थीं, या फिर उकी जरुरत की नहीं होती थीं, लेकिन अब बहनें वाट्सएप या अन्य माध्यम से भाइयों से अपनी पसंद और जरुरत की चीजें ही उपहारस्वरुप ले रही हैं। रक्षाबंधन पर कोरोना संकट का इतना असर है कि कई भाई या बहन इस अवसर पर विशेष उपहार के तौर पर मास्क और सैनिटाइजर भी भेज रहे हैं।

दूर रहकर भी करीब होने का एहसास
कुछ भाई-बहन और उनके परिवार तो रक्षाबंधन भी ऑनलाइन मनाने की तैयारी कर रहे हैं। दूर बैठा भाई जहां बहन की भेजी गई राखी वीडियो कॉल के जरिए बांध सकता है, वहीं बहनें भी भाइयों द्वारा भेजे गए ड्रेस और अन्य उपहारों को धारण कर इस त्योहार की परंपरा को कायम रखने के साथ ही कोरोना के खतरे से भी बच सकती हैं।

ऑनलाइन खरीदारी में समझदारी
फिलहाल ऑनलाइन राखी की कीमत 100 रुपए से लेकर 500 रुपए तक है। कंपनियों के पास तरह-तरह की राखियां उपलब्ध हैं। इसके साथ ही रक्षाबंधन के मौके पर विशेष रुप से उपहार देने के लिए कई तरह की चीजें भी उपलब्ध हैं। इसके लिए कई कंपनियां विशेष रुप से अपनी सेवा दे रही हैं। इनमें से अमेजन और फ्लिपकार्ट ने रक्षाबंधन त्योहार के लिए विशेष तैयारी की है। वे इस मौके पर उपहारों की खरीदारी पर आकर्षक छूट भी दे रही हैं।

पसंद की राखी, पसंद के उपहार
रक्षाबंधन के अवसर पर यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होने के काफी लाभ हैं। इस कारण देश ही नहीं, विश्व के किसी भी कोने से ऑनलाइन राखी भेजने के साथ ही उपहार भी ऑनलाइन भेजे जा सकते हैं। इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिए पसंद की राखी और उपहार की भी खरीदी की जा सकती है और कोरोना जैसी भायनक बीमारी से ग्रस्स होने का भी कोई खतरा नहीं है। साथ ही साथ भाई-बहनों को अपनी पसंद के राखी और उपहार मिल रहे हैं। यही नहीं, लोग आनजाने में होने वाली परेशानियाों से भी बच रहे हैं और उसमें खर्च होने वाले पैसे भी बच रहे हैं।

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