देश में कोरोना के संसर्ग की गति अब कई राज्यों में धीमी पड़ रही है। इसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत छह राज्य हैं, जहां लोग राहत महसूस कर सकते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण क्या है यह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े से स्पष्ट होता है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 95 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या को पहला टीका लग चुका है और 74 प्रतिशत वयस्क जनसंख्या ने टीके की दोनों खुराक ले ली है। गुरुवार को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश के 19 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में टीके की दोनों खुराक का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसके साथ अबतक 97.03 लाख डोज बूस्टर खुराक दी जा चुकी है। कोरोना के नए संसर्ग के बीच किये गए अध्ययन भी बताते हैं कि, जिन लोगों ने कोरोना के टीके लिये हैं उन्हें कोरोना संक्रमण कम प्रभावित करता है।
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किशोर वयीनों में तेजी से टीकाकरण
लव अग्रवाल ने बताया कि 15 से 18 साल के बच्चों में 59 प्रतिशत बच्चों को एक खुराक दी जा चुकी है। 16 राज्यों में बच्चों के टीके का प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
इन पर ओमिक्रोन से अधिक प्रभावित
लव अग्रवाल ने बताया कि, मई 2021 को केवल 3 प्रतिशत लोगों का ही टीकाकरण किया गया था। तब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी यानी रोजाना 4.14 लाख से ज्यादा कोरोना के नए मामले आ रहे थे और करीब साढ़े तीन हजार मौतें हो रहीं थी। इसके उलट 21 जनवरी तक टीकाकरण का प्रतिशत 74 प्रतिशत है और अब पौने चार लाख नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं लेकिन, मौत की संख्या 435 है। स्पष्ट है कि टीकाकरण का असर देखा जा रहा है। जिन लोगों ने टीका नहीं लिया है, उन लोगों में कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है। ऐसे लोगों में लक्षण ज्यादा गंभीर देखे जा रहे हैं। इसके साथ ऐसे लोगों में मौत का प्रतिशत भी अधिक है।