दिल्ली जहां देश की राष्ट्रीय राजधानी है, वहीं मुंबई आर्थिक राजधानी के रुप में विख्यात है। दोनों महानगरों का हर स्तर पर अपना महत्व है। लेकिन कोरोना की पहली और दूसरी लहर में दोनों में काफी समानता रही। हालांकि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन प्रशासनिक दृष्टिकोण से वह भी एक महानगर है।
कोरोना संक्रमण की बात करें तो दिल्ली और मुंबई दोनों ही कोरोना की पहली और दूसरी लहर में देश के सबसे ज्यादा प्रभावित महानगरों में रहे हैं। लेकिन दोनों शहरों की तुलना करें तो मुंबई दिल्ली की तुलना में ज्यादा जागरुक है। कोरोना को लेकर जागरुकता की बात करें तो इसमें भी मुबंईकर दिल्लीवालों से ज्यादा जागरुक दिख रहे हैं।
मुंबई लोकल और दिल्ली मेट्रो प्रवास के लोकप्रिय साधन
मुंबई में लोकल और दिल्ली में मेट्रो दोनों यातायात के प्रमुख और लोकप्रिय साधन हैं। दोनों ही महानगरों में कोरोना की दूसरी लहरों को विस्फोटक बनाने में इनके यात्रियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मुंबई में जहां लोकल यात्रियों की बढ़ती भीड़ और मनमानी ने कोरोना फैलाने में बड़ी भूमिका निभाई, वहीं दिल्ली के मेट्रो ने भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कहां के लोग ज्यादा जागरुक?
फिलहाल दिल्ली और मुंबई दोनों ही महानगरों में कोरोना से काफी हद तक राहत मिली है, लेकिन तीसरी लहर का खतरा अभी भी बना हुआ है। इसे लेकर सरकार और प्रशासन दोनों ही काफी सतर्क हैं, लेकिन सवाल यह है कि दोनों महानगरों के लोग कितने सतर्क और जागरुक हैं।
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मुंबईकर ज्यादा जागरुक
मुंबई में दिल्ली की अपेक्षा जागरुकता अधिक देखी जा रही है। मुंबई लोकल में 90 प्रतिशत यात्री जागरुक हैं। वैसे तो 99.99 प्रतिशत यात्री मास्क पहनते हैं, लेकिन मास्क को सही तरीके से पहनना भी अनिवार्य है। इस लिहाज से देखें तो मुंबई लोकल के 90 प्रतिशत यात्री सही तरीके से मास्क पहनते हैं। दिल्ली मेट्रो की बात करें तो एक अनुमान के अनुसार 80 प्रतिशत यात्री मास्क उचित तरीके से पहनते हैं, जबकि 20 प्रतिशत यात्री इस मामले में लापरवाह हैं।
सार्वजनिक स्थलों की स्थिति
मार्केट और अन्य सार्वजनिक स्थानों की बात करें तो मुंबई में मास्क पहनने के साथ ही सामाजिक दूरी और हाथ को बार-बार धोने या सैनिटाइज करने जैसी जागरुकता 80 प्रतिशत तक है। दिल्ली की बात करें तो यह जागरुकता 70-75 प्रतिशत तक है।
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मुंबई में कोरोना के मामले ज्यादा
टीकाकरण के मामले में भी मुंबई दिल्ली की तुलना में आगे है। लेकिन कोरोना के नए मरीजों के मामले में मुंबई दिल्ली से आगे है। मुंबई में कोरोना के औसत नए मामले लगभग 400 हैं, जबकि हर दिन तीन लोगों की मौत हो रही है।
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दिल्ली की स्थिति
दिल्ली में पिछले कई दिनों से कोरोना के मामले 80 से कम आ रहे हैं, जबकि औसत 2 लोगों की हर दिन मौत हो रही है। इस लिहाज से देखें तो दिल्ली की स्थिति मुंबई से बेहतर है।