मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने शनिवार को किशनगज में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बिहार चाय उत्पादन और उसके व्यवसाय में पाचवें स्थान पर है।उन्होनें कहा कि असम, बंगाल ,तमिलनाडु,केरला के बाद बिहार सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है। लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक टी बोर्ड में हमारी मेम्बरसीप भी नहीं है। इसलिए टी बोर्ड के मेम्बर और निवेशकों के साथ आज चाय पर चर्चा कार्यक्रम में हमलोग उपस्थित हैं।
इस अवसर पर राज्य की चाय के प्रतीक के रूप में लोगो को को भी जारी किया गया हैं।इससे यहां की उत्पादित चाय को पहचान मिलेगी।इस कार्यशाला में भारतीय चाय बोर्ड के साथ -साथ राज्य के चाय उत्पादक प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
8000 हजार लाख किलों चाय का उत्पादन करता है बिहार
उल्लेखनीय है कि बिहार में 8000 हजार लाख किलों चाय किसानों के द्वारा 25 हजार एकड़ से अधिक भूमि में उगायी जाती है। यहां की मिट्टी में चाय की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु भी मिलती है ।वर्ष 1999 में भारतीय टी बोर्ड ने किशनगंज प्रखंड सहित ठाकुरगंज, पोठिया,बाहदुरगंज एवं दिघलबैंक प्रखंड में चाय की खेती के लिए पारम्परिक क्षेत्र घोषित किया था।पिछले 20 वर्षो में इस इलाके में चाय की खेती 75 लाख किलोग्राम तक पहुंच गया है और आज देश में पांचवें स्थान पर चाय उत्पादन में जाना जाता है।
बता दें कि बिहार में उत्पादित चाय की गुणवत्ता के कारण विदेशों में इसकी मांग बढ़ गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इसे लेकर खुशी जताई है।