जीपीएस इमेजिंग का उपयोग जल्द ही पूरे देश में टोल संग्रह के लिए किया जाएगा। इसके लिए जरूरी तकनीक को तीन महीने में अंतिम रूप दे दिया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि इससे टोल नाके पर भीड़भाड़ से बचने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने दी जानकारी
गडकरी ने बताया कि जीपीएस आधारित टोल वसूली प्रणाली के लिए आवश्यक तकनीक देश में उपलब्ध नहीं है। इसलिए सरकार कोरियाई और रूसी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उनके पास यह तकनीक है। गडकरी ने प्रश्नकाल के दौरान लोकसभा में आश्वासन दिया कि अगले एक साल के भीतर देश के सभी टोल नाके बंद कर दिए जाएंगे और जीपीएस इमेजिंग के आधार पर टोल वसूली की जाएगी।
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ऐसे होगा टोल कलेक्शन
गडकरी ने दिसंबर 2020 में कहा था कि रूसी प्रणाली पर आधारित नई जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल देश में टोल संग्रह के लिए किया जाएगा। इस सिस्टम से सीधे यात्री के खाते से या ई-वॉलेट से टोल वसूल किया जा सकेगा। टोल नाके भीड़ के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसलिए,टोल संग्रह की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली शुरू की गई है। इसी कड़ी में फरवरी 2021 से राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग सिस्टम लागू कर दिया गया है।