सपनों के शहर में घर खरीदने का सुनहरा मौका! जानिये, कैसे?

ग्राहक अब राजा बन गया है। घरों के दाम भले ही आपको कम होता नहीं दिख रहा है लेकिन बिल्डर कई तरह से ग्राहकों को सहूलियत देने के लिए तैयाार हैं।

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मुंबई को सपनों का शहर कहा जाता है। इस शहर में अपना घर होना सभी को नसीब नहीं होता। हालांकि सपनों के शहर में अपना घर होने का सपना सबका होता है। कुछ दिन पहले तक पूरे देश के साथ ही मायानगरी में भी कोरोना का संकट बरकार था, हालांकि अब वह संकट काफी हद तक टल गया है और जन-जीवन तेजी से सामान्य होने लगा है। अधिकांश प्रतिबंधों को हटा लिया गया है और लोग राहत महसूस कर रहे हैं। इस स्थिति में चौंकाने वाली बात यह है कि इस सपनों के शहर में घरों की बिक्री अचानक बढ़ गई है। लोग इसे मौका समझकर चौका लगा रहे हैं और घर खरीदने के अपने सपने को पूरा कर रहे हैं।

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2020 के दिसंबर से ही मायानगरी में घरों की खरीदारी तेज हो गई है। दिसंबर 2020 में देश की आर्थिक राजधानी में 10 हजार से अधिक घर बिके। आंकड़े बताते हैं कि 19 दिसंबर को केवल एक दिन में एक हजार फ्लैट खरीदारों ने जैसे घर लूट लिए। उसके बाद से यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

सितंबर में 525 करोड़ रुपए स्टांप ड्यूटी प्राप्त
सितंबर 2021 की बात करें तो इस महीने सरकार को 525 करोड़ रुपए का स्टांप ड्यूटी प्राप्त हुआ है। यह पिछले साल इसी महीने की तुलना में 66 प्रतिशत और सितंबर 2019 की तुलना में करीब 34 प्रतिश अधिक है। हैरत की बात तो यह है कि सितंबर में जो घर बिके हैं, उनमें 49 प्रतिशत एक करोड़ या इससे अधिक कीमत के हैं।

दिसंबर 2020 से बढ़ रही बिक्री
समझा यह जा रहा था कि कोरोना काल में लोगों के पास पैसों की कमी है। इस स्थिति में लोग अपनी दैनिक जरुरतों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। उनके लिए घर खरीदना बस किसी सुहाने सपने जैसा है। लेकिन आंकड़े झूठ नहीं बोलते। वे बताते हैं कि 2020 के बाद लोगों ने जमकर सपनों के शहर में घरों की खरीदारी की और आगे भी यह ट्रेंड जारी रह सकता है।

मुंबई में घर खरीदने का यह सुनहरा मौका
प्रॉपर्टी डीलर वरुण सिंह का मानना है कि मुंबई में घर खरीदने का यह सुनहरा मौका है। इसके कई कारण हैं। पहला- इन दिनों स्टांप ड्यूटी जहां 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत कर दिया गया है, वहीं होम लोन भी कम ब्याज पर उपलब्ध है। वरुण सिंह का तर्क है कि मान लीजिए कोई एक करोड़ का घर खरीदता है तो उसे इस समय पांच लाख की जगह मात्र दो लाख ही स्टांप ड्यूटी चुकाना होगा। इसके साथ ही ज्यादातर लेनदेन ऑनलाइन हो जाने से बैंकों से लोन पाना भी आसान हो गया है, क्योंकि अब बैंकों में पहले जैसी भीड़ नहीं है।

ग्राहक राजा
दरअस्ल अब ग्राहक राजा बन गया है। घरों के दाम भले ही आपको कम होता नहीं दिख रहा है लेकिन बिल्डर कई तरह से ग्राहकों को सहूलियत देने के लिए तैयाार हैं। कई बिल्डर जहां स्टांप ड्यूटी में छूट देने को तैयार हैं, वहीं वे बातचीत करने पर घर के दाम भी कम करने को तैयार हो जाते हैं।

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बिल्डरों की मजबूरी, ग्राहकों का फायदा
इसका कारण साफ है। कोरोना काल में उनका व्यवसाय काफी मंदा हो गया था और तैयार इमारतों का कोई खरीदार नहीं मिल रहा था। इस कारण उनके पास पैसों की कमी है। इसके साथ जहां से बिल्डर्स पैसे ले रखे हैं, वहां ब्याज के साथ उन्हें ईएमआई का भुगतान करना उनकी मजबूरी है। इस स्थिति में वे ग्राहकों से कई तरह के समझौता करने को तैयार हैं। इसका फायदा ग्राहक भी उठा रहे हैं। जिन्होंने कोरोना से पहले कुछ पैसे जमा कर रखे थे, वे हिम्मत और जुगाड़ कर घर खरीदने के इस सुनहरे मौके को भुना रहे हैं। जानकारों का कहना है कि अगर इसी तरह सरकार, बिल्डर और बैंकों का आगे भी रुख रहा तो अगले एक साल तक यह ट्रेंड बना रह सकता है।

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