महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज शिवसेना नेता (Shiv Sena Leader) मनोहर जोशी (Manohar Joshi) का शुक्रवार (23 फरवरी) को निधन (Death) हो गया है। बीते दिन दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ने के बाद जोशी को हिंदुजा अस्पताल (Hinduja Hospital) में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
1966 में शिवसेना की स्थापना के एक साल के भीतर ही शिवसेना में शामिल हुए मनोहर जोशी का करियर शून्य से दुनिया बनाने का था। ज्ञातव्य हो कि मनोहर जोशी को सर जोशी (Sir Joshi) के नाम से भी जाना जाता था। वह शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे (Balasaheb Thackeray) के बेहद वफादार सहयोगी के रूप में जाने जाते थे। मनोहर जोशी ने शिवसेना के हर संघर्ष में, जैसे मराठी लोगों के न्याय के अधिकार की लड़ाई, सीमा मुद्दे पर आंदोलन, चुनावी राजनीति में शिवसेना का प्रवेश, 1992 के मुंबई दंगे, गठबंधन सत्ता में चाणक्य की भूमिका निभाई। मनोहर जोशी की जीवन यात्रा मुंबई नगर निगम में एक क्लर्क से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक की उनकी जीवन यात्रा थी।
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रायगढ़ जिले में हुआ था जन्म
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी का जन्म महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के नंदवी गांव में हुआ था। जोशी का जन्म 2 दिसंबर 1937 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम गजानन कृष्ण जोशी और माता का नाम सरस्वती गजानन था।
क्लर्क से सीएम तक का सफर
1 : मनोहर जोशी मुंबई महानगरपालिका में क्लर्क थे। जोशी अपने शुरुआती जीवन में आरएसएस से जुड़े रहे, फिर 1966 में शिवसेना की स्थापना के बाद वह इससे जुड़ गए और उसी पार्टी से सीएम से लेकर लोकसभा अध्यक्ष तक बने।
2 : जोशी 1976 से 1977 तक मुंबई के मेयर भी रहे।
3 : साल 1995 में जब महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार बनी और फिर उन्हें सीएम बनाया गया।
4 : जोशी 1999 तक 4 साल के लिए सीएम बने।
लोकसभा स्पीकर बने थे सर जोशी
ज्ञातव्य हो कि मनोहर जोशी को सर जोशी के नाम से भी जाना जाता था। 1995 से 1999 तक 4 साल तक सीएम के तौर पर महाराष्ट्र की सरकार चलाई थी। फिर इसके बाद 2002 में वो मौका आया जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और मनोहर जोशी को लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया था। तब भाजपा और शिवसेना गठबंधन में थे और मनोहर जोशी को लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालने का मौका मिला था। मनोहर जोशी 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे।
मनोहर जोशी बालासाहेब ठाकरे के सबसे करीबी थे
मनोहर जोशी हमेशा बाला साहेब ठाकरे के सबसे भरोसेमंद और करीबी नेताओं में से एक रहे हैं। यही वजह थी कि उन्हें साल 1995 में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया था। राजनीतिक जानकारों के अनुसार, ठाकरे ने कहा था कि वह सीएम नहीं बनेंगे, यही वजह थी कि उन्होंने अपने सबसे करीबी मनोहर जोशी को मुख्यमंत्री बनाया।
दादर श्मशान भूमि में होगा अंतिम संस्कार
मिली जानकारी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री को पिछले वर्ष भी ब्रेन हैमरेज के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मनोहर जोशी के पार्थिव शरीर को उनके निवास स्थान पर दोपहर दो बजे तक आखिरी दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम संस्कार दादर श्मशान भूमि में होगा।
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